Afghanistan crisis: रोज बदतर हो रहे हालात, अब पाकिस्‍तान बॉर्डर  उमड़ी भीड़, सामने आया परेशान करने वाला वीडियो

अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद लोग न केवल काबुल एयरपोर्ट पर जुट रहे हैं, बल्कि पाकिस्‍तान से लगने वाली सीमा पर भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसका वीडियो सामने आया है।

चमन में बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट से पाकिस्‍तान में दाखिल होते अफगान नागरिक और वहां निगरानी करते पाकिस्‍तान सेना के जवान। पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान के बीच आवाजाही के लिए चमन बेहद अहम बॉर्डर है।
चमन में बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट से पाकिस्‍तान में दाखिल होते अफगान नागरिक और वहां निगरानी करते पाकिस्‍तान सेना के जवान। पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान के बीच आवाजाही के लिए चमन बेहद अहम बॉर्डर है।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • काबुल एयरपोर्ट ही नहीं, अन्‍य सीमाई क्षेत्रों में भी लोग जुट रहे हैं
  • उनका एकमात्र मकसद अफगानिस्‍तान से बाहर निकलना है
  • पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान बॉर्डर पर भी ऐसी भीड़ देखी गई है

काबुल : अफगानिस्‍तान में तालिबान की हुकूमत आने के बाद लोग जिस तेजी से देश छोड़ रहे हैं, वह उनके खौफ को बयां करता है। ये वे लोग हैं, जिन्‍हें ये तक नहीं मालूम कि उन्‍हें जाना कहा हैं। पता है तो बस इतना कि यहां नहीं रहना। काबुल एयरपोर्ट से आई तस्‍वीरों और मुल्‍क से बाहर निकले लोगों ने दुनिया को बताया कि यहां तालिबान को लेकर उनके मन में किस तरह का खौफ समाया हुआ है।

Pakistan Army troops patrol along the fence on the Pakistan Afghanistan border at Big Ben hilltop post in Khyber district, Pakistan, Tuesday, Aug. 3, 2021. Pakistan's military said it completed 90 percent of the fencing along the border with Afghanistan, vowing the remaining one of the most difficult tasks of improving the border management will be completed this summer to prevent any cross-border militant attack from both sides. (AP Photo/Anjum Naveed)

काबुल एयरपोर्ट से अफगानिस्‍तान छोड़ दुनिया के दूसरे देशों में शरण लेने वालों की आपबीती से जाहिर होता है कि किस तरह जब वह घरों से निकले तो उन्‍हें पूरा शहर एयरपोर्ट की तरफ भागता नजर आया, लेकिन यह सिर्फ काबुल एयरपोर्ट का हाल नहीं है। देश में कई ऐसे स्‍थान हैं, जहां से लोग पलायन कर रहे हैं और मुल्‍क छोड़ किसी सुरक्षित जगह जाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। वे पाकिस्‍तान की तरफ भी रुख कर रहे हैं, जिसकी सीमा अफगानिस्‍तान से लगती है।

पाक-अफगान बॉर्डर पर भीड़

पत्रकार नात‍िक मलिकजादा ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें पाकिस्‍तान के साथ लगने वाली स्पिन-बोलदाक सीमा पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि बॉर्डर पर जुटे लोग यहां लगे गेट के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे पाकिस्‍तान जा सकें।

पत्रकार नातिक ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, 'यह काबुल एयरपोर्ट नहीं है, बल्कि स्पिन-बोलदाक बॉर्डर है, जहां हजारों लोग मौजूद हैं। ये अफगानिस्‍तान से भागकर पाकिस्‍तान जाना चाहते हैं। यहां काबुल एयरपोर्ट से भी बुरे हालात हैं, लेकिन चूंकि यहां कोई सेना तैनात नहीं है, इसलिए इस पर किसी का ध्‍यान नहीं जा रहा।'

पसोपेश में पाकिस्‍तान

यहां उल्‍लेखनीय है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद एक तरह की बेचैनी पाकिस्‍तानी खेमे में भी देखी जा रही है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भले ही अफगान तालिबान के प्रति समर्थन जताया है, लेकिन पाकिस्‍तान सरकार के लिए मौजूदा हालात ने कई चुनौतियां भी पेश की हैं, जिनमें सबसे बड़ी समस्‍या पाकिस्‍तान तालिबान का उभार भी है। मुल्‍क में  कई आतंकी हमलों के लिए जिम्‍मेदार पाकिस्‍तान तहरीक-ए-तालिबान ने भी अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने का स्‍वागत किया है, जो पाक सरकार के लिए किसी सिरदर्दी से कम नहीं है।

Pakistan Army troops patrol along the fence with a warning board read as 'Beware, Entrance will be shot' on the Pakistan Afghanistan border, in Khyber district, Pakistan, Tuesday, Aug. 3, 2021. Pakistan's military said it completed 90 percent of the fencing along the border with Afghanistan, vowing the remaining one of the most difficult tasks of improving the border management will be completed this summer to prevent any cross-border militant attack from both sides. (AP Photo/Anjum Naveed)

पिछले दिनों पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की अफगानिस्‍तान यात्रा को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वह अफग‍ानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद यहां पहुंचने वाले किसी अन्‍य मुल्‍क के पहले बड़े नेता रहे। पाकिस्‍तान के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती शरणार्थियों की है। 1996 से 2001 के बीच जब तालिबान अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में आया था, तब भी बड़ी संख्‍या में अफगानों ने भागकर पाकिस्‍तान में शरण ली थी और अब एक बार फिर वही भगदड़ देखी जा रही है।

अफगानिस्‍तान से शरणार्थियों की आमद के अनुमान को देखते हुए पाकिस्‍तान ने पहले ही इस मुल्‍क से लगने वाली अपनी कई सीमाओं को बंद कर दिया है, जबकि कुछ बॉर्डर अभी खुले हैं, जहां से लोग अफगानिस्‍तान छोड़ पाकिस्‍तान जाने की कवायद में जुटे हैं।

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