Omicron की चिंताओं के बीच WHO ने किया आगाह- महामारी की प्रकृति बदल सकता है कोविड का नया वैरिएंट

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर दुनियाभर में चिंता व्‍याप्त है। इस बीच WHO ने इसे लेकर आगाह किया है और वैक्‍सीनेशन जारी रखने पर जोर दिया है। वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कोविड के इस नए वैरिएंट से महामारी की प्रकृति बदल सकती है।

Omicron की चिंताओं के बीच WHO ने किया आगाह- महामारी की प्रकृति बदल सकता है कोविड का नया वैरिएंट
Omicron की चिंताओं के बीच WHO ने किया आगाह- महामारी की प्रकृति बदल सकता है कोविड का नया वैरिएंट  |  तस्वीर साभार: PTI

WHO on Omicron: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर आगाह किया है और कहा है कि कोविड का यह नया वैरिएंट महामारी की प्रकृति बदल सकता है। WHO ने दुनिया के देशों से जितनी जल्दी हो सके, अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने और लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए उपाय करने का आह्वान किया।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा, 'हम ओमिक्रोन को वैश्विक संकट बनने से रोक सकते हैं। यह वायरस बदल रहा है, लेकिन इससे लड़ने के लिए हमारा जो सामूहिक संकल्प है, उसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।' उन्‍होंने कहा, हालांकि शुरुआती साक्ष्‍य ओमिक्रोन को कोरोना वायरस के डेल्‍टा वैरिएंट से कम खतरनाक बता रहे हैं, लेकिन इस बारे में फिलहाल कुछ भी निश्चित तौर पर कह पाना जल्‍दबाजी होगी।

57 देशों में आ चुके हैं मामले

टेड्रोस ने कहा, वैश्विक स्‍तर पर जिस तेजी से इसका प्रसार हुआ है और बड़ी संख्‍या में इसमें म्‍यूटेशन देखे गए हैं, वे संकेत देते हैं कि महामारी पर इसका गहरा असर हो सकता है। WHO चीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि 57 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था ने इसे चिंताजनक श्रेणी में रखा है। 

वहीं, ओमिक्रोन से बचाव के लिए वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज के लिए उठ रही मांगों और इस दिशा में हुए अध्‍ययनों को लेकर WHO के शीर्ष अधिकारियों ने कहा, हम अब भी एक डेल्टा महामारी के दौर में हैं और इसलिए मौजूदा टीकों के साथ टीकाकरण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। WHO ने फिलहाल कोविड वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज यानी तीसरे डोज की योजना को स्‍थगित करने पर जोर दिया है, ताकि दुनिया के उन गरीब देशों को भी वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो सके, जहां टीका लगने की दर सबसे कम है।

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