क्या गतिरोध तोड़ने के लिए भारत और पाकिस्तान में हो रही 'बैक-चैनल' बातचीत?

'ट्रिब्यून' की रिपोर्ट में मामले से जुड़े सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रिश्ते में आए गतिरोध एवं कड़वाहट को दूर करने के लिए दोनों देश 'बैक चैनल' बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं।

 Back channel talks between India Pakistan to break deadlock : Report
बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं भारत-पाकिस्तान के रिश्ते।  |  तस्वीर साभार: PTI

India-Pakistan Relations : पाकिस्तान में सरकार बदलने पर रिपोर्टें आने लगती हैं कि दोनों देश रिश्तों में आए गतिरोध को तोड़ने के लिए 'बैक चैनल' बात कर रहे हैं। इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे तो भी इस तरह की रिपोर्टें आईं लेकिन इसमें कोई वजन नजर नहीं आया। पाकिस्तान में सरकार बदली है। गठबंधन सरकार की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने हैं और एक बार फिर 'बैक चैनल' बातचीत शुरू होने की बात सामने आई है।  

'इमरान के समय भी हुई बातचीत'
'ट्रिब्यून' की रिपोर्ट में मामले से जुड़े सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रिश्ते में आए गतिरोध एवं कड़वाहट को दूर करने के लिए दोनों देश 'बैक चैनल' बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों को कमतर किया गया और द्विपक्षीय कारोबार पर रोक लगा दी गई। यहां तक कि शहबाज शरीफ के पीएम पद की कुर्सी संभालने से पहले दोनों देश गुपचुप तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में थे और बातचीत कर रहे थे। 

'बैक चैनल' का नतीजा है सीजफायर का बहाल होना
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 'बैक डोर' बातचीत का ही नतीजा था कि फरवरी 2021 में दोनों देशों के बीच सीजफायर बहाल करने पर सहमति बनी। तब से यह समझौता कायम है और इसके बाद सीजफायर उल्लंघन की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। हालांकि, यह 'बैक चैनल' की बातचीत दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू कराने में सफल नहीं हो पाई।  

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'बातचीत शुरू करने के उपाय ढूंढे जा रहे'
रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस्लामाबाद में नई सरकार के गठन के बाद से दोनों पक्षों की ओर से बातचीत शुरू करने के लिए नए तरीकों को ढूंढा जा रहा है। सूत्र ने कहा, 'आप इसे बैक चैनल कहिए, ट्रैक-2 कहिए या परदे के पीछे होने वाली बातचीत, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि दोनों देशों के प्रभावशाली लोग एक-दूसर के साथ संपर्क में हैं।'

'बैक चैनल' से कुछ ठोस निकलने में संदेह है
सूत्र का कहना है कि दोनों देशों से कौन इस बातचीत में शामिल है, उनके बारे में उसे सटीक जानकारी नहीं है। उसने कहा कि एक-दूसरे के साथ संपर्क में होने की बात सामने न लाने के लिए शायद 'बैक चैनल' का इस्तेमाल किया जा रहा है। 'बैक चैनल' की बातचीत में लगे लोगों को लगता है कि जब तक कुछ ठोस निकलकर सामने नहीं आए तब तक इसे गोपनीय ही रहना चाहिए। सूत्र का कहना है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए 'परदे के पीछे' होने वाली इस बातचीत का कोई नतीजा निकल पाएगा इसमें संदेह है। इसके अलावा बातचीत शुरू करने से पहले रखी जाने वाली पूर्व शर्त वार्ता बहाल होने की दिशा में एक बड़ा अवरोध है।  

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