Brexit: ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन में तूफान, एक सांसद के दलबदल करने पर जॉनसन ने खोया बहुमत 

दुनिया
Updated Sep 04, 2019 | 12:15 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

ब्रिटेन की सत्ता में उथलपुथल मची हुई है वहां एक सांसद के दलबदल करने के कारण वहां के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को संसद में अपना बहुमत खो दिया।

Boris Johnson
बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो) 
मुख्य बातें
  • जॉनसन के हॉउस ऑफ कामंस पहुंचते ही फिलिप ली ने दल-बदल कर लिया
  • ब्रैकनेल सांसद फिलिप ली विपक्षी दल की सीट पर जा कर बैठ गये
  • इस घटनाक्रम से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद में अपना बहुमत खो दिया

लंदन: ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (EU) से बाहर होने के मुद्दे पर ब्रिटेन में खासी उठापटक मची हुई है। थेरेसा मे के इस्‍तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन कंजरवेटिव पार्टी के नेता चुने गए और उन्‍होंने प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली मगर ब्रिटेन में 'ब्रेक्जिट' के मुद्दे पर अब फिर वहां तूफान उठा है।

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के लिए होने वाले अहम मतदान से पहले कंजरवेटिव पार्टी के एक सांसद के दल-बदल कर 'ब्रेक्जिट' विरोधी लिबरल डेमोक्रेट पार्टी में शामिल हो जाने से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को संसद में अपना बहुमत खो दिया, इसके जॉनसन की सरकार के पास हाउस ऑफ कॉमन्‍स में कामकाज के लिए आवश्‍यक बहुमत नहीं रह गया है। 

 

 

गर्मियों के लंबे अवकाश के बाद सांसदों के साथ होने वाली चर्चा के लिए जॉनसन के हॉउस ऑफ कामंस पहुंचते ही फिलिप ली ने दल-बदल कर लिया। जॉनसन ने जैसे ही सदन को संबोधित करना शुरू किया, ब्रैकनेल सांसद फिलिप ली विपक्षी दल की सीट पर जा कर बैठ गये। 

ली ने एक बयान में कहा, 'जिस पार्टी में मैं 1992 में शामिल हुआ वह मेरी पार्टी नहीं रही, मैं आज उसे छोड़ रहा हूं।' उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी पर राजनीतिक रूप से चीजों को प्रभावित करने, धौंस देने और झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया। पूर्व न्याय मंत्री ने कहा कि सरकार असैद्धांतिक तरीके से ब्रेक्जिट को नुकसान पहुंचा रही है और लोगों के जीवन एवं आजीविका को जोखिम में डाल रही है। 

ली ने जॉनसन को लिखे एक पत्र में कहा है कि कंजरवेटिव पार्टी एक संकुचित धड़ा बन गई है जिसमें किसी की वफादारी इस बात से माफी जाती है कि वह कितनी लापरवाही से यूरोपीय संघ को छोड़ना चाहता है। इस बीच, डाउनिंग स्ट्रीट ने संकेत दिया है कि जॉनसन अक्टूबर में आम चुनाव कराये जाने के लिए तैयार हैं।

 

अगली खबर