क्या गोला-बारूद के बदले उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार विकसित करने में मदद कर सकता है रूस?

दुनिया
राहुल उपाध्याय
Updated Sep 07, 2022 | 21:21 IST

North Korea nuclear weapons: रूस को हथियार बेचने के बदले, उत्तर कोरिया संभवतः रूस से भोजन, ईंधन, युद्धक विमान के पुर्जे और अपने आधुनिक हथियार विकसित करने की सामग्री चाहता है। दरअसल उत्तर कोरिया के लिए अपने परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण विदेशों से ऐसे सामान खरीदना मुश्किल है।

North Korea nuclear weapons
प्रतीकात्मक फोटो (फोटो साभार-istock) 
मुख्य बातें
  • रूस के लिए, उत्तर कोरिया अपने गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है
  • उत्तर कोरिया में हथियारों का एक महत्वपूर्ण भंडार है, जिनमे से कई सोवियत युग के हथियारों की कॉपी है
  • गोला-बारूद के बदले प्योंगयांग आधुनिक हथियार विकसित करने में रूस से सहायता प्राप्त कर सकता है

हाल ही में अमेरिका ने रूस को लेकर एक बड़ा दावा किया है। अमेरिका ने एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया की रूस अपने शीत युद्ध के सहयोगी उत्तर कोरिया से लाखों रॉकेट और तोप के गोले खरीद सकता है। हालांकि रूस ने अमेरिका के इस ख़ुफ़िया रेपोर्ट को ख़ारिज करते हुए फेक करार दिया, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह यूक्रेन में युद्ध के साथ रूस की हताशा को दर्शाता है और मॉस्को उत्तर कोरिया से अतिरिक्त हथियार खरीद सकता है।

रूस द्वारा उत्तर कोरिया से हथियार खरीदने की चर्चाओं के बीच दक्षिण कोरिया के एक सैन्य विशेषज्ञ ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दक्षिण कोरिया सैन्य विशेषज्ञ यांग वूक ने कहा कि रूस, हथियारों के बदले उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार और मिसाइल विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरण प्रदान कर सकता है।

दरअसल, एक साक्षात्कार में  सियोल के आसन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज के सैन्य विशेषज्ञ, यांग वूक ने चेतावनी दी है कि प्योंगयांग, तोप के गोले और रॉकेट के बदले प्रतिबंधित उपकरण की खरीद कर सकता है। यांग वूक ने बताया कि प्योंगयांग विमान, या अपनी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ( Intercontinental ballistic missile) या परमाणु हथियार विकसित करने के लिए रूस से अनौपचारिक सहायता प्राप्त कर सकता है।

यांग ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि रूस को उत्तर कोरिया से हथियार इसलिए खरीदना पड़ रहा है क्योंकि यूक्रेन के साथ लंबे समय तक युद्ध ने रूस के हथियारों के भंडार को खाली कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्री जब्ती से बचने के लिए हथियारों को ट्रेन से सीधे उत्तर कोरिया से रूस तक पहुंचाया जा सकता है। जानकारों का ये भी मानना है की उत्तर कोरिया से मास्को जो हथियारों को खरीदना चाहता है, वो सोवियत युग  हथियारों की प्रतियां हैं, जो रूसी लॉन्चरों में फिट हो सकते हैं। लेकिन हथियारों की गुणवत्ता पर अभी भी सवाल हैं। जानकर मानते है की उत्तर कोरिया के हथियार वास्तव में रूसी सेना की कितनी मदद कर सकते हैं, इस पर अभी संसय है। 

क्या परमाणु परीक्षण कर सकता है दक्षिण कोरिया?

ये बात साफ़ है की उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है। इधर अमेरिकी अधिकारियों की इस बात का भी डर सता रहा है की उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह कभी भी परमाणु परीक्षण कर सकता है। ऐसे में यांग वूक की ये चेतावनी कि रूस उत्तर कोरिया की परमाणु हथियार विकसित करने में मद्द कर सकता है, अमेरिका से लेकर दक्षिण कोरिया का टेंशन बढ़ाने वाला है।  

उत्तर कोरिया ने इस साल 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिसमें 2017 के बाद से इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों की पहला परीक्षण भी शामिल हैं, अमेरिका जनता है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह, अमेरिकी दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु शस्त्रागार को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि, किम संभवतः अपने परमाणु हथियार हासिल करने के संकल्प को मजबूत कर सकता हैं क्योंकि उसे लगता है कि- यूक्रेन पर रूसी हमला इसलिए हुआ क्योंकि यूक्रेन ने अपने परमाणु हथियार त्याग दिए थे।

रूस और उत्तर कोरिया के सम्बन्ध

मॉस्को और प्योंगयांग के बीच संबंध उत्तर कोरिया के स्थापना से है, दरअसल सोवियत अधिकारियों ने किम जोंग उन के दादा किम इल सुंग को देश के पहले शासक के रूप में स्थापित किया था। तब से लेकर 1990 के दशक की शुरुआत में सोवियत संघ के विघटन तक उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को दशकों तक बचाए रखने में सोवियत सहायता शिपमेंट महत्वपूर्ण थी।

बता दें की मॉस्को ने सोवियत संघ के विघटन के बाद दक्षिण कोरियाई निवेश को आकर्षित करने के लिए सियोल के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए थे और उत्तर कोरिया के साथ सोवियत-युग के सैन्य गठबंधन को को लगभग समाप्त कर लिया था। लेकिन सन 2000 में अपने चुनाव के बाद, पुतिन ने सक्रिय रूप से उत्तर कोरिया के साथ अपने देश के संबंधों को बहाल करने की शुरुवात की, जिसे रूस द्वारा अमेरिका से बेहतर तरीके से निपटने के लिए अधिक सहयोगियों को अपनी तरफ करने के प्रयास के रूप में देखा जाता रहा है।

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