चीन की धमकी-G-7 के विस्तार में यदि भारत शामिल हुआ तो 'खराब' होंगे दोनों देशों के रिश्ते

दुनिया
आलोक राव
Updated Jun 05, 2020 | 16:10 IST

Chiana reacts on proposal to expand G-7: चीन का कहना है कि भारत यदि जी-7 का हिस्सा बनता है तो इससे दोनों देशों के बीच संबंध और खराब होंगे। चीन ने इसे अमेरिका की एक चाल बताया है।

Chiana says If india becomes part of G-7 reletions of both countries will detoriate
चीन ने कहा-जी7 में भारत यदि शामिल हुआ तो दोनों देशों के बीच खराब होंगे रिश्ते। 
मुख्य बातें
  • जी-7 में विस्तार के इरादे से डोनाल्ड ट्रंप ने टाल दी है इस समूह की बैठक
  • ट्रंप इस समूह में भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिय- दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहते हैं
  • चीन ने अमेरिका के इस कदम को एक भू-राजनीतिक चाल बताया है

बीजंग : लद्दाख में अतिक्रमण कर बुरी तरह फंस चुके चीन की बौखलाहट और दोमुहांपन सामने आने लगा है। एक तरह वह भारत को धमकी दे रहा है तो दूसरी तरफ उसका विदेश मंत्रालय सीमा पर सबकुछ ठीक-ठाक होने का दिखावा कर रहा है। ताजा सीमा विवाद का हल निकालने के लिए छह जून को दोनों देशो के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक होनी है लेकिन इसके पहले चीन के समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि भारत जी-7 के विस्तार का यदि हिस्सा बनता है तो इससे दोनों देशों के संबंध और खराब होंगे। 'ग्लोबल टाइम्स' चीन का मुखपत्र है और इसे चीन की नीतियों एवं सोच को आगे बढ़ाने वाला माना जाता है।   

चीन ने कहा-इससे दोनों देशों के संबंध होंगे खराब
'ग्लोबल टाइम्स' में प्रकाशित इस लेख में कहा गया है, 'भारत यदि चीन को एक काल्पनिक दुश्मन मानते हुए और जल्दबाजी दिखाते हुए यदि इस छोटे समूह में शामिल हो जाता है तो इससे भारत और चीन के संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। जी-7 के विस्तार का हिस्सा बनना भारत के हित में नहीं है। दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय रिश्ते पहले से ही निचले स्तर पर जा रहे हैं। भारत और चीन के संबंध अब ऐसी अवस्था में हैं जिसे दोनों देशों के शीर्ष नेता ही आगे की दिशा दे सकते हैं।'

'अमेरिका की यह भू-राजनीतिक चाल'
रिपोर्ट के मुताबिक, 'भारत और चीन के संबंध के जानकार एवं विशेषज्ञ अच्छी तरह जानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जी-7 विस्तार की योजना चीन के खिलाफ एक भू-राजनीतिक चाल है। यह एक भू-राजनीतिक पहल और सोची समझी चाल है। दो शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के बीच गठबंधन चीन के लिए वैचारिक रूप से एक चुनौती है। अमेरिका, चीन का मुकाबला करने के लिए भारत का समर्थन कर रहा है।'

भारत के जवाब से हमें हैरानी नहीं हुई-चीन
समाचार पत्र ने आगे लिखा है कि ट्रंप की योजना में शरीक होने की भारत के सकारात्मक जवाब से चीन को हैरानी नहीं हुई है। भारत की  महात्वाकांक्षा विश्व की प्रमुख संस्थाओं का हिस्सा बनने की रही है। सीमा पर ताजा विवाद के बाद भारत ने जी-7 के विस्तार को समर्थन देकर चीन को एक संदेश देने की कोशिश की है। भारत के कई रणनीतिकार मानते हैं कि है चीन पर दबाव बनाने के लिए भारत को अमेरिका के और नजदीक आना चाहिए।

जी-7 समहू में भारत सहित अन्य देशों को शामिल करना चाहता है चीन
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने ताकतवर देशों के समूह जी-7 भारत सहित अन्य देशों को शामिल किए जाने की पहल की है। ट्रंप के इस सुझाव का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थन किया है। ट्रंप इस समूह में भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहते हैं। जी -7 शिखर सम्मेलन का आयजोन अमेरिका में कैंप डेविड में 10-12 जून के बीच होने वाला था। लेकिन उसे हाल ही में डोनाल्ट ट्रंप ने सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। 


    

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