नापाक इरादे! चीन अब लद्दाख के पास बना रहा नया फाइटर एयरक्राफ्ट बेस, भारत चौकस

भारत के साथ लगने वाली वास्‍तविक नियंत्रण रेखा के कई बिंदुओं पर तनाव के बीच चीन पूर्वी लद्दाख के पास एक नया एयरबेस बनाने जा रहा है, जहां से लड़ाकू विमानों का संचालन होगा। भारत इस पर करीब से नजर बनाए हुए है।

China developing new airbase for fighter aircraft operations near Ladakh
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्‍सो लेक के पास भारतीय सेना द्वारा लगाया गया एक पुराना बैनर  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • चीन पूर्वी लद्दाख के करीब एक नया एयरबेस तैयार कर रहा है
  • इस नए एयरबेस से लड़ाकू विमानों का संचालन किया जाएगा
  • चीन की गतिविधि‍यों पर भारत सतर्कता से नजर बनाए हुए है

नई दिल्‍ली : भारत के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने लड़ाकू विमानों के संचालन से संबंधित दिक्‍कतों को दूर करने की कोशिश करते हुए चीन झिंजियांग प्रांत के शाक्चे शहर में एक नया एयरबेस विकसित कर रहा है, जो पूर्वी लद्दाख के पास है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में कहा है, 'यह नया एयर बेस काशगर और होगन के मौजूदा एयरबेस के बीच तैयार हो रहा है। काशगर और होगन एयरबेस से चीन लंबे समय से भारतीय सीमाओं पर लड़ाकू विमानों के ऑपरेशंस चला रहा है। लड़ाकू अभियानों के लिए अब तैयार हो रहा नया एयर बेस क्षेत्र में चीनी वायु सेना के लिए और मददगार साबित होगा।

लड़ाकू विमानों के लिए किया जा रहा अपग्रेड

सूत्रों के अनुसार शाक्‍चे शहर में पहले से ही एक एयरबेस है और इसे लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। यह जल्‍द ही लड़ाकू विमानों के ऑपरेशंस के लिए तैयार हो जाएगा। इस पर काम तेज कर दिया गया है।

लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए एलएसी के करीब चीन में मौजूदा हवाई अड्डों के बीच की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है, लेकिन शाक्चे हवाई क्षेत्र से ऑपरेशंस शुरू होने के बाद इस दूरी को पाटने में मदद मिलेगी।

चीन की गतिविधियों पर भारत की नजर

भारतीय एजेंसियों की नजर ​​चीन के साथ उत्तराखंड सीमा के पास बाराहोती में एक हवाई क्षेत्र पर भी है, चीने ने बड़ी संख्या में मानव रहित विमानों की तैनाती की है और जो क्षेत्र में लगातार उड़ान भर रहे हैं।

हाल ही में चीनी वायु सेना ने भारतीय क्षेत्रों के पास नए सिरे से अभ्यास किया था। चीनी वायुसेना के विमानों ने मुख्य रूप से होगन, काशगर और गार गुनसा हवाई क्षेत्रों से उड़ानें भरी थी। इस पर भारत की नजरें बनी हुई थीं और भारत किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार था।

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