Uygar Muslims: उइगर मुस्लिमों को चीन सूअर का मांस खाने के लिए करता है मजबूर, रौंगटे हो जाएंगे खड़े

उइगर मुस्लिमों को चीन सूअर का मांस खाने को मजबूर करता है। इस बारे में पेशे से चिकित्सक और शिक्षक सयारगुल सौतबे ने खुलासा किया है जिसे सुनकर रौंगटे खड़े हो जाएंगे।

Uygar Muslims: उइगर मुस्लिमों को चीन सूअर का मांस खाने के लिए करता है मजबूर, रौंगटे हो जाएंगे खड़े
उइगर मुस्लिमों को सूअर का मांस खाने के लिए किया जाता है मजबूर 
मुख्य बातें
  • उइगर मुस्लिमों को चीन सूअर का मांस खाने के लिए करता है मजबूर
  • सयारगुल सौतब नाम के चिकित्सक और शिक्षक ने किया खुलासा
  • चीन के शिनजियांग इलाके में इस मकसद के लिए सूअर पालन पर विशेष जोर

बीजिंग। उइगर मुसलमानों के खिलाफ चीन के दमनचक्र से दुनिया वाकिफ है। चीनी सरकार को शक रहता है कि यह समाज उनके स्थायित्व के लिए खतरा है। उइगरों के धार्मिक स्थल यानी की मस्जिदों को चीन तोड़ता ही रहता है। इसके साथ ही अब जो सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबित उइगरों को सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। चीन की इस हरकत के बारे में सयारगुल सौतब ने खुलासा किया है। उन्‍होंने कहा कि अगर कोई उइगर मुस्लिम ऐसा करने से मना कर देता है तो उसे कठोर सजा दी जाती है। बड़ी बात यह है कि शिंजियांग इलाके में सूअर पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सयारगुल सौतब का खुलासा
सयारगुल का कहना है कि इसके लिए खास दिन का चयन किया गया है। हर शुक्रवार को उइगर समाज के लोगों को सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है, दरअसल इस खास दिन का चुनाव इसलिए किया गया है कि क्योंकि मुस्लिम समाज में शुक्रवार का दिन पवित्र माना जाता है।  सयारगुल सौतबे स्‍वीडन में चिकित्‍सक और शिक्षक हैं।  उन्‍होंने अपनी किताब में अपने साथ हुई यातना और पिटाई के बारे में बताया।

जुमरेत दाउद ने भी दर्द किया बयां
सयारगुल की तरह एक महिला व्यापारी जुमरेत दाउत ने कहा कि 2018 में जब उन्हें उरुमेकी में पकड़ा गया तो करीब दो महीने तक उनके साथ सिर्फ पाकिस्तान के बारे में ही पूछताछ होती रही क्योंकि उनका शौहर पाकिस्तान से था। पूछताछ करने वालों ने उनके बच्‍चों की संख्‍या, धर्म और कुरान के पढ़ने के बारे में तफसील से जानकारी मांगी। वो बताती है कि एक बार तो शौचालय जाने के लिए उन्हें दया की भीख मांगनी पड़ी। उन्‍हें शौचालय जाने की इजाजत तो दी गई। लेकिन उनके हाथ बांध दिए गए थे और पुरुष अधिकारियों मे पीछा भी किया था। 
 

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