वाशिंगटन : अफगानिस्तान पर तालिबान का राज कायम होने के बाद वहां के हालात काफी खराब हैं। देश चलाने के लिए अभी कोई सरकार बन नहीं पाई है। देश का भविष्य अधर में है। अफगानिस्तान के ताजा हालात पर दुनिया के तमान देश चिंतित हैं लेकिन कुछ मुल्क ऐसे भी हैं जो इस देश का फायदा उठाने की फिराक में हैं। इन्हीं में से एक देश है चीन। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने चीन की नापाक मंशा का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा है कि चीन पर करीबी नजर बनाए रखने की जरूरत है क्योंकि वह अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस पर अपना नियंत्रण पाना चाहता है।
बगराम एयरबेस पर दो दशकों तक रहा अमेरिका
दो दशकों तक अमेरिका के लिए यह सबसे बड़ा एयरबेस रहा है। बगराम एयरबेस से ही अमेरिका ने अपने कई अहम मिशन सफलतापूर्वक अंजाम दिए हैं। बुधवार को 'फॉक्स न्यूज' से बातचीत में हेली ने कहा कि अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन को भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने मित्र देशों के साथ संपर्क बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'एक चीज जो आपको तुरंत करनी चाहिए, वह यह है कि आप आपने सहयोगी देशों के साथ इस बारे में संपर्क कायम करें। चाहे वह ताइवान हो, यूक्रेन हो, इजरायल हो, भारत हो या ऑस्ट्रेलिया अथवा जापान। इन सभी से आप जुड़िए। आप बताइए कि आपको उनकी जरूरत है।'
आतंकवाद के खिलाफ रुकने न पाए-निक्की हेली
पूर्व राजनयिक ने कहा, 'दूसरी चीज, हमें यह देखना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में जो अभियान चल रहा है, वह रुकने न पाए। क्योंकि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद आतंकवादियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। आने वाले दिनों में दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए बड़ी संख्या भर्तियां होंगी। भविष्य में वुल्फ अटैक का खतरा है। यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सुरक्षित हैं। हमें अपनी साइबर सुरक्षा मजबूत बनानी है क्योंकि रूस हमें फिर से निशाना बना सकता है। हमें चीन पर नजर रखने की जरूरत है क्योंकि मेरा मानना है कि बगराम एयरबेस पर वह अपना नियंत्रण पाने की फिराक में है।'
अफगानिस्तान में अपना प्रभाव तेज करेगा चीन
एक सवाल के जवाब में निक्की हेली ने कहा, 'मेरा यह भी मानना है कि अफगानिस्तान में चीन अपना प्रभाव तेज करने वाला है। वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान इस्तेमाल करना चाहता है। इसलिए अभी हमारे पास बहुत सारे जटिल मसले हैं। इसे देखते हुए हमें अपने सहयोगी देशों और उनके साथ संबंधों को पहले से ज्यादा मजबूत बनाना है।' निक्की हेली ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने के तौर-तरीकों को लेकर बाइडन प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बाइडन ने अमेरिकी सेना और उनके परिवारों का विश्वास खो दिया है।