Corona: फरेबी चीन की यह हरकत दुनिया को पड़ी भारी, सबसे छिपाया सबको छकाया

दुनिया
ललित राय
Updated May 11, 2020 | 14:14 IST

coronavirus, china and WHO: चीन के बारे में कहा जाता है कि वो समय समय पर दुनिया को छलने का काम करता रहा है। इस दफा कोरोना संकट की वजह से चीन पर एक बार फिर उंगली उठ रही है।

Corona: फरेबी चीन की यह हरकत दुनिया को पड़ी भारी, सबसे छिपाया सबको छकाया
शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • पूरी दुनिया में कोरोना के केस 41 लाख के पार
  • अमेरिका और यूरोपीय देश सबसे ज्यादा प्रभावित
  • अमेरिकी राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रंप बार बार विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन पर लगाते हैं आरोप

नई दिल्ली। इस समय दुनिया संकट के जिस दौर से गुजर रही है उसके लिए जिम्मेदार कौन है। दुनिया के दो ताकतवर मुल्क अमेरिका और चीन एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी ने कहा था कि एक बात तो तय है कि कोरोना वायरस वुहान की मीट मंडी से फैला। यह जांच का विषय है कि वायरस मंडी से बाहर गया या बाहर से मंडी आया। इसके साथ ही अमेरिका बार बार कह रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठ न चीन की दबाव में काम करता रहा और कोरोना के खतरे के बारे में समय पर आगाह नहीं किया। यह बात अलग है कि डब्ल्यूएचओ आरोपों को नकारता रहा है। लेकिन एक रिपोर्ट और सामने आई है जो चौंकाने वाली है। 

जर्मनी के मैग्जीन में छपी रिपोर्ट
जर्मनी की मैग्जीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की छोटी सी लापरवाही की कीमत दुनिया अदा कर रही है। अगर पांच से छ हफ्ते पहले जानकारी मिली होती तो दुनिया की तस्वीर ऐसी न होती जो आज है। मैग्जीन का दावा है कि चीन के प्रभाव में WHO के डीजी टेड्रास ने जानकारी छिपाई।  जर्मनी का खुफिया एजेंसी की जिक्र करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि 21 जनवरी को चीन के राष्ट्रपति ने टेड्रास से कहा कि वो कोरोना के बारे में दुनिया को थोड़ी देर से बताएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन के दबाव में आया और नतीजा सबके सामने है। 

WHO की सफाई
जर्मन मैग्जीन में छपी रिपोर्ट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से सफाई भी आई है। अधिकारियों का कहना है कि डीजी ट्रेडास और शी जिनपिंग के बीच न को आमने सामने बात हुई और ना ही कभी टेलीफोन पर। दरअसल दुनिया के कुछ मुल्क ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। टीन में जब फ्लू के लक्षण सामने आने शुरू हुए तभी हम सचेत हुए। लेकिन उस समय किसी भी लक्षण से ऐसा नहीं लगा कि वो कोरोना हो। कोरोना के बारे में जब संगठन भी आश्वस्त हुआ तो इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दी गई। 

डोनाल्ड ट्रंप पहले ही उठा चुके हैं सवाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर ट्रंप पहले भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इसमें दो मत नहीं कि WHO इस समय चीन के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने ताइवानी अधिकारियों के मेल को नजरंदाज करने का भी मामला उठाया। अमेरिका का मानना है कि जब दिसंबर के महीने में इतने बड़े खतरे की आहट हो चुकी थी तो छिपाया क्यूं गया। उनका कहना है कि जब ताइवान के अधिकारियों ने ईमेल की जानकारी दी तो उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ छिपाने की कोशिश क्यों की गई थी। 

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