नई दिल्ली। कोरोना की महामारी नए संबंधों की कहानी लिख रहा है। दुनिया के देशों के आपसी संबंधों पर असर पड़ा है। बात अगर अमेरिका और चीन की करें तो उनके बीच रिश्तों में तल्खी पिछले दो वर्ष में बढ़ी है। लेकिन जिस तरह से कोरोना ने पुरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू किया उसके बाद रिश्ते और खराब होते गए। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की तादाद साढे़ चार लाख के ऊपर है और डेढ़ लाख से अधिक लोग जवान गंवा चुके हैं और इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं।
कोरोना के शिकार लोगों को नहीं भूल सकते
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते जिन लोगों ने कोरोना की वजह से जान गंवा दी। हम कभी नहीं भूल पाएंगे कि क्या हो चुका है। यह सब चीन में रोका जा सकता था। उन्हें कोरोना वायरस के प्रसार को रोकना चाहिए था। लेकिन चीन ने वैसा नहीं किया जिसका खामियाजा दुनिया भुगत रही है।
चीन को सच्चाई समझनी चाहिए
ट्रंप कहते है कि चीन की छिपाने वाली नीति से न सिर्फ उनका बल्कि पूरी दुनिया का नुकसान हो रहा है और इसे किसी भी कीमत पर रोकने की जरूरत है। किसी भी देश को आगे बढ़ने का अधिकार है लेकिन उसे देखना होगा कि उसकी नीति से दुनिया किस तरह से प्रभावित हो रही है। कोई भी देश स्वार्थ को ऊपर रखकर फैसले नहीं कर सकती है। चीन की तरफ से पहले और अब भी जिस तरीके की हरकत की जा रही है उसे कोई भी देश कैसे बर्दाश्त कर सकता है।