नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर के अमेरिका कराह है। दरअसल उसके पीछे की वजह यही है कि करीब 12 लाख लोग संक्रमित हैं, 70 हजार के करीब मौत हो चुकी है और ठीक होने वालों का आंकडा कम है। इस लिहाज से अगर कहा जाए कि अमेरिका 21 वीं सदी के तीसरे दशक में गंभीर संकट का सामना कर रहा है तो गलत न होगा।
पर्ल हॉर्बर या 9 /11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से ज्यादा खतरनाक कोरोना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना त्रासदी तो पर्ल हॉर्बर या 9 /11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुऐ हमले से भी अधिक भयावह है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है यह कह पाना मुश्किल है कि यह कितनी तबाही मचाने के बाद रुकेगा। उन्होंने कहा कि जिस रफ्तार से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं वो चिंताजवक है। लेकिन अमेरिकी सरकार इस पर काबू पा लेगी।
1941 में पर्ल हॉर्बर, 2001 में वर्ल्ड ट्रेट सेंटर पर हमला
सवाल यह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी तुलना पर्ल हॉर्बर अटैक या 2001 विश्व ट्रेड सेंटर अटैक से क्यों की। इसके लिए इतिहास में चलना होगा। 1941 में दुनिया दूसरे विश्व युद्ध का गवाह बन रही था। अमेरिका और जापान एक दूसरे के विरोधी खेमे में थे। जापान ने पर्ल हॉबर् जोकि अमेरिकी बेस था उस पर हमला किया जिसमें अमेरिका को जबरदस्त नुकसान हुआ। इस घटना के ठीक 60 साल बाद 2001 में अल कायदा के आतंकियों ने मैनहट्टन स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाया जिसमें 4000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
कोरोना का संक्रमण, ट्रंप की समझ से बाहर !
सवाल यह है कि ट्रंप इस तरह की बात क्यों कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि व्हाइट हाउस की तरफ से आशंका जताई गई है। जून के महीने से हर दिन 3000 लोगों की मौत हो सकती है और लाखों की संख्या में हर रोज केस आ सकते हैं। लेकिन ट्रंप इस विषय पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। इसके विपरीत वो अपील कर रहे हैं आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने का वक्त आ गया है।