दुनिया के 34.50 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा भुखमरी का खतरा, संयुक्त राष्ट ने किया अलर्ट

दुनिया
भाषा
Updated Sep 16, 2022 | 16:43 IST

United Nations: बेस्ली ने बढ़ते संघर्ष, महामारी के आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, ईंधन की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘भुखमरी की लहर अब भुखमरी की सुनामी बन गई है।’’

danger of starvation is looming on 34 50 million people of the world United Nations alerts
दुनिया के 34.50 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा भुखमरी का खतरा। (File Photo) 

United Nations: संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने बृहस्पतिवार को सचेत किया कि दुनिया ‘वैश्विक स्तर पर अप्रत्याशित आपात स्थिति’ से जूझ रही है और 34.50 करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं तथा यूक्रेन युद्ध समाप्त होने तक सात करोड़ और लोगों पर भुखमरी का खतरा मंडराने लगेगा।

दुनिया के 34.50 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा भुखमरी का खतरा

किधर जाएगा श्रीलंका, राहत पैकेज भी अटका ! 62 लाख लोगों के सामने भोजन का संकट

45 देशों में पांच करोड़ लोग अत्यंत गंभीर कुपोषण के शिकार- संयुक्त राष्ट्र

बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि एजेंसी जिन देशों में सक्रिय है, उनमें से 82 देशों में 34.50 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और यह संख्या 2020 में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के आने से पहले की तुलना में ढाई गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि इनमें से 45 देशों में पांच करोड़ लोग अत्यंत गंभीर कुपोषण के शिकार हैं और ‘अकाल की कगार’ पर खड़े हैं। बेस्ली ने बढ़ते संघर्ष, महामारी के आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, ईंधन की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘भुखमरी की लहर अब भुखमरी की सुनामी बन गई है।’’

Food Wastage: भुखमरी का कारण बन सकती है खाने की बर्बादी, अपनाएं ये आदतें

उन्होंने कहा कि रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से खाद्य वस्तुओं, ईंधन एवं उर्वरकों की कीमत बढ़ने से सात करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं। बेस्ली ने कहा कि रूस द्वारा अवरुद्ध किए गए तीन काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज को भेजने की अनुमति देने के संबंध में जुलाई में हुए समझौते और रूसी उर्वरकों को वैश्विक बाजारों में वापस लाने के निरंतर प्रयासों के बावजूद ‘इस साल कई जगहों पर अकाल पड़ने का वास्तविक जोखिम है।’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमने ठोस कदम नहीं उठाए तो 2023 में वर्तमान खाद्य मूल्य संकट जल्द खाद्य उपलब्धता संकट में बदल सकता है।’’ संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी कार्यों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमालिया और अफगानिस्तान में खाद्य संकट को लेकर सचेत किया।

अगली खबर