Nepal: नेपाली संसद ने पास किया नए नक्शे वाला संशोधन, काठमांडू में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Jun 13, 2020 | 17:35 IST

नेपाल द्वारा जारी किए गए नए राजनैतिक नक्शे को लेकर भारत लगातार अपना विरोध दर्ज कराता रहा है। इस बीच आज नए नक्शे को लेकर नेपाली संसद में वोटिंग हो गई है

Discussion on new political map begins in Nepal Parliament protest in kathmandu
नए नक्शे पर नेपाली संसद में आज वोटिंग, काठमांडू में विरोध 
मुख्य बातें
  • नेपाल में संसद का सत्र शुरू, नए राजनीतिक नक्शे से संबंधित विधेयक को मिली मंजूरी
  • नेपाल की राजधानी काठमांडू में सरकार के खिलाफ हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
  • नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा इलाकों को नेपाल का बताया गया है

काठमांडू: नेपाल ने आज नए नक्शे को लेकर वहां की संसद में वोटिंग हो गई है और नेपाल की संसद देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब इसे राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा  जाएगा। भारत पहले से ही नेपाल के इस कदम का सख्त विरोध कर रहा है लेकिन नेपाल है कि मानने को तैयार नहीं है। नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार के इस फैसले के खिलाफ काठमांडू में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शुक्रवार और शनिवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के इस फैसले का विरोध किया। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

संसद में चर्चा शुरू

शनिवार को नेपाली सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने से संबंधित महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। इस नए नक्शे में भारतीय सीमा से लगे लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा जैसे रणनीतिक क्षेत्र पर दावा किया गया है। विधेयक पर चर्चा पूरी होने के बाद इस पर मतदान की कार्यवाही होगी। खबरों की मानें तो आज ही इस पर मतदान किया जा सकता है। देश के 275 सदस्यों वाले निचले सदन में विधेयक को पारित करने के लिये दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।

काठमांडू में विरोध प्रदर्शन

उधर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नेपाल की राजधानी काठमांडू में शनिवार सुबह से ही सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ा। इतना ही नहीं नेपाल इस समय कोरोना संकट से भी जूझ रहा है और देश में बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना संकट से ध्यान हटाने के लिए जबरन सीमा विवाद और नए मानचित्र का मुद्दा ला रही है। 

ये है विवाद की जड़

 दरअसल यह विवाद उस समय उत्पन्न हुआ था जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया। तब नेपाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था किय यह इलाका नेपाल का है। इसके बाद नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया। जबकि भारत यह कहता रहा है कि यह तीन इलाके उसके हैं।

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