वाशिंगटन: अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए इस सर्वोच्च वैश्विक संस्था से से अपना नाता तोड़ लिया है। इस बात की घोषणा खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। ट्रंप ने कहा कि यह संगठन अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने और उनमें सुधार करने में नाकाम रहा है। ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ अब पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में जा चुका है इसलिए हम डब्ल्यूएचओ से अपना नाता तोड़ रहे हैं।
चीन ने की नियमों की अनदेखी
चीन पर बरसते हुए ट्रंप ने कहा, 'चीन ने हमारे संसाधनों पर एक तरह से हमला किया। मैंने इसके लिए कभी भी चीन को दोषी नहीं ठहराया। अतीत के राष्ट्रपतियों की वजह से वे ऐसा कर पाए। चीन ने प्रशांत महासागर में अवैध रूप से कब्जा कर लिया। चीनी सरकार लगातार हमारे साथ समझौते का उल्लंघन करती रही लेकिन हम चुप रहे। चीन ही था जहां से यह कोरोना जैसी महामारी पैदा हुई।'
डब्ल्यूएचओ ने नहीं निभाया अपना दायित्व
विश्व स्वास्थ्य संगठन को आड़े हाथों लेते हुए ट्रंप ने कहा, 'चीनी संगठन ने डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट करने का अपना दायित्व नहीं निभाया और वह पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में जा चुका है। चीन ने वर्षों से हमारे गुप्त जानकारियों को चुराने के लिए जासूसी की। इस सप्ताह चीन ने एकतरफा रूप से हांककांग पर नियंत्रण किया जो नियमों के खिलाफ है। चीन का दावा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा कर रहा है लेकिन वह असल में इससे खिलवाड़ कर रहा है।'
पहले भी हमला करते रहे हैं ट्रंप
दरअसल ट्रंप कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के दौरान से ही चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि यह वायरस चीन की एक लैब से पैदा हुआ और वहां की सरकार ने इस बात को छिपाया। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने कई बार डब्ल्यूएचओ से इसकी जांच की मांग करते हुए कहा कि चीन के वुहान शहर में यह वायरस कैसे पैदा हुआ और उसकी जांच की जाए लेकिन उसने नहीं सुनी। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद भी रोक की दी थी।