कोरोना संकट की मार से देश के कई मुल्क जूझ रहे हैं, क्या चीन, क्या भारत क्या अमेरिका...इसका असर दुनिया के कई देशों में पड़ा है इसके प्रकोप को रोकने के लिए एक देश से दूसरे देश की आवाजाही पर भी नियंत्रण लगाया गया जिसका लंबे समय तक पालन करने के बाद अब नियमों में थोड़ी थोड़ी करके ढील दी जा रही है इसी क्रम में चीन कुछ विदेशियों जैसे-अमेरिकी, भारतीय और पाकिस्तानी नागरिकों समेत कुछ और मुल्कों के नागरिकों को अपने सीमा प्रतिबंधों में ढील देने के लिए तैयार हो गया है।
लेकिन इसमें एक झोल है मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा है कि इसके लिए चीन ने एक शर्त रखी है वो है ये कि जो लोग वहां आने का वीजा चाहते हैं उनको चीनी COVID-19 वैक्सीन लगवानी होगी। गौर हो कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए विदेशियों के लिए अपने दरवाजे बंद किए हुए हैं, वहीं अब कहा जा रहा है कि चीन उन चुनिंदा लोगों के लिए वीजा आवेदन खोलेगा, जिन्होंने चीन में बनी वैक्सीन लगवाई हो।
अब इसमें एक पेंच आ रहा है जो ये उन भारतीयों को प्रभावित करेगा जो चीन जाने के इच्छुक हैं, इसके लिए उनको चीन में निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन का वैक्सीनेशन होना जरूरी है।
भारत ने चीन निर्मित वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी नहीं दी है
चूंकि भारत ने चीन निर्मित वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी नहीं दी है जिससे ऐसे लोग जो चीन जाना चाह रहे हैं उनको भारी दिक्कत होगी। चीनी वैक्सीन का नियम उन लोगों पर लागू होगा जो कारोबार, कामकाज या 'मानवीय जरूरतों' जैसे कि परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए चीन जाना चाहते हैं ऐसे में दिक्कत होना स्वाभाविक ही लग रहा है।
चीन में खुद को क्वारंटीन भी करना होगा
बताया जा रहा है कि जो विदेशी लोग भारत से चीन जाएंगे उन्हें यात्रा से पहले इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ डिक्लेरेशन भी जमा करना होगा वहीं इसके अलावा चीन पहुंचने पर वहां के लोकल प्रशासन की गाइडलाइंस के मुताबिक खुद को क्वारंटीन भी करना होगा।
गौरतलब है कि अब तक चीन ने अन्य देशों में बनी वैक्सीनों को देश में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है वहीं चीन दुनियाभर में अपने वैक्सीन को बढ़ावा दे रहा है।