G-7 की बैठक में बड़ा फैसला, तालिबान के साथ बातचीत के लिए रोडमैप बनाएंगे 7 देश

G-7 Summit : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि तालिबान के साथ बातचीत के लिए जी-7 के देश एक रोडमैप तैयार करेंगे। जॉनसन ने कहा कि काबुल में अगली सरकार संभवत: तालिबान की होगी।

G7 leaders agrees on roadmap for engagement with Taliban: PM Johnson
जी-7 देशों की बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर हुई चर्चा। 
मुख्य बातें
  • जी-7 की वर्चुअल हुई बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा हुई
  • तालिबान के साथ बातचीत करने के लिए एक रोडमैप तैयार करेंगे देश
  • ब्रिटेन के पीएम ने कहा है कि काबुल में संभवत: तालिबान की सरकार होगी

लंदन : अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत के लिए एक रोडमैप बनाने की योजना पर जी-7 के देश सहमत हो गए हैं। मंगलवार को एक वर्चुएल बैठक में दुनिया के सात अमीर देशों ने यह फैसला किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसकी पुष्टि की  है। उन्होंने कहा है कि काबुल में अब 'संभवत: तालिबान की सरकार होगी।' जी-7 की इस बैठक में नेताओं ने अफगानिस्तान के ताजा हालात की चर्चा की। 

ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने दी जानकारी
समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने पीएम जानसन के एक प्रेस बयान का हवाला देते हुए कहा, 'जी-7 की बैठक में आज हमारे बीच जो बातचीत हुई है, उसमें यह राय बनी है कि पश्चिमी देश न केवल वहां से अपने नागरिकों को निकालने में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे बल्कि आने वाले समय में हम तालिबान के साथ कैसे बातचीत करने जा रहे हैं, इस बारे में भी एक रोडमैप बनाने पर सहमति बनी। ऐसा लगता है कि काबुल में अब तालिबान सरकार होगी।' 

जॉनसन ने अफगान नागरिकों के साथ खड़े होने की अपील की
जी-7 दुनिया के अमीर एवं ताकतवर देशों-अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, जापान और कनाडा शामिल हैं। इस बार की बैठक की अध्यक्षता की जिम्मेदारी ब्रिटेन पर थी। इस बैठक में जॉनसन ने समूह के देशों से अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ खड़े होने और मानवीय आधार पर उनकी मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अफगान शरणार्थी संकट से निपटने के लिए भी देशों को उपाय करने चाहिए। 

20 हजार अफगान नागरिकों का पुनर्स्थापन करेगा यूके
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि विगत 20 वर्षों में जो उपलब्धि हासिल हुई है उसे और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए उनका देश मानवीय एवं कूटनीतिक तरीके का इस्तेमाल करना जारी रखेगा। काबुल पर तालिबान का नियंत्रण हो जाने के बाद ब्रिटेन वहां से करीब 6,000 लोगों को निकाल चुका है। ब्रिटेन ने इस देश के लिए अपनी मानवीय मदद पहले ही दोगुना कर चुका है। ब्रिटेन का कहना है कि वह वह सबसे असुरक्षित 20 हजार अफगान नागरिकों के पुनर्स्थापन की व्यवस्था भी करेगा। 

'हम सभी को बाहर नहीं निकाल पाएंगे'
इस बीच ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालास ने माना कि 31 अगस्त को अमेरिकी नेतृत्व वाला मिशन समाप्त होने से पहले 'हम सभी को देश से बाहर नहीं निकाल पाएंगे।' ब्रिटेन सहित अमेरिका के अन्य सहयोगी देश अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की समयसीमा बढ़ाने का दबाव डाल रहे हैं। लेकिन वालेस ने स्काई न्यूज को बताया कि इस बात की संभावना नहीं है कि बाइडन इसपर सहमति जताएंगे।


 

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