गिनी में तख्‍ता पलट! राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार भंग, राष्‍ट्रपति भवन के पास कई घंटों तक होती रही गोलीबारी

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Updated Sep 05, 2021 | 23:55 IST

गिनी में राष्‍ट्रपति अल्‍फा कोंडे की सरकार भंग कर दी गई है। इससे पहले राष्‍ट्रपति भवन के पास कई घंटों तक गोलीबारी होती रही। यहां जमीनी सीमाएं भी सील कर दी गई हैं। 

Guinean President Alpha Conde
गिनी के राष्‍ट्रपति अल्‍फा कोंडे  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • गिनी की सेना के एक कर्नल के मुताबिक, राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार भंग कर दी गई है
  • इससे पहले राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलाबारी हुई, जो कुछ घंटों बाद तक जारी रही
  • इस बारे में तुरंत पता नहीं चल सका कि राष्‍ट्रपति अल्‍फा कोंडे फिलहाल कहां हैं

कोनाक्री (गिनी) : गिनी की सेना के एक कर्नल ने रविवार को सरकारी टेलीविजन पर घोषणा की कि राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलाबारी के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार भंग कर दी गई है और देश की जमीनी सीमाएं सील कर दी गई हैं। कोंडे फिलहाल कहां हैं, इस बारे में तुरंत पता नहीं चल सका है। कर्नल ममादी डौम्बौया ने 83 वर्षीय राष्ट्रपति का कोई उल्लेख नहीं किया, जिनकी लोकप्रियता पिछले साल तीसरे कार्यकाल हासिल करने के बाद से गिर गई है।

विद्रोही सैनिकों ने कब्जे की घोषणा के बाद देश में लोकतंत्र बहाली का संकल्प व्यक्त किया और खुद को 'द नेशनल कमेटी ऑफ गैदरिंग एंड डवेलपमेंट' नाम दिया। कर्नल ममादी ने कहा, 'हम अब राजनीति एक आदमी को नहीं सौंपेंगे, हम इसे लोगों को सौंपेंगे। संविधान भी भंग किया जाएगा और जमीनी सीमाएं एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई हैं।'

इससे पहले गिनी की राजधानी कोनाक्री में रविवार तड़के राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी हुई थी, जो कई घंटों तक जारी रही। इस घटना ने सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के इतिहास के गवाह रहे इस देश में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी थी। यह तुरंत ज्ञात नहीं हो सका कि गोलीबारी के दौरान राष्ट्रपति अल्फा कोंडे घर पर थे या नहीं।

राष्‍ट्रपति को लेकर बनी है अनिश्चितता

रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हमले को विफल कर दिया गया है, लेकिन जब सरकारी टेलीविजन या रेडियो पर कोंडे की तरफ से कोई संदेश नहीं आया तो अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई।

कोंडे के तीसरे कार्यकाल को लेकर पिछले कुछ समय से आलोचना की जा रही है। वहीं, कोंडे का कहना है कि उनके मामले में संवैधानिक अवधि की सीमाएं लागू नहीं होतीं। अंततः उन्हें फिर से चुन लिया गया, लेकिन इस कदम ने सड़क पर हिंसक प्रदर्शन भड़का दिए थे। विपक्ष ने कहा कि इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए।

कोंडे वर्ष 2010 में सबसे पहले राष्ट्रपति चुने गए थे जो 1958 मे फ्रांस से आजादी मिलने के बाद देश में पहले लोकतांत्रिक चुनाव थे। कई लोगों ने उनके राष्ट्रपति बनने को देश के लिए एक नयी शुरुआत के तौर पर देखा था लेकिन उनके शासन पर भ्रष्टाचार, निरंकुशता के आरोप लगाए गए। विरोधियों का कहना है कि वह गिनी के लोगों के जीवन में सुधार लाने में विफल रहे हैं, जिनमें से अधिकतर देश की विशाल खनिज संपदा के बावजूद गरीबी में रहते हैं।

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