'नाजी अपराधों की याद दिलाते हैं बूचा में जघन्‍य हमले', जनसंहार के आरोपों के बीच रूस ने जारी किया बयान

Bucha Killings: यूक्रेन के बूचा में जनसंहार के आरोपों के बीच रूस ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यहां जिस तरह के जघन्‍य हमले हुए हैं, वे द्वितीय विश्‍वयुद्ध के दौरान के नाजी हमलों की याद दिलाते हैं। रूस ने हालांकि इस मामले में स्‍वतंत्र व निष्‍पक्ष जांच की बात भी कही है।

यूक्रेन के बूचा शहर में भीषण तबाही हुई है और बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की भी जान गई है
यूक्रेन के बूचा शहर में भीषण तबाही हुई है और बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की भी जान गई है  |  तस्वीर साभार: AP

Bucha Genocide: रूस-यूक्रेन जंग को डेढ़ महीने से भी अधिक वक्‍त बीत चुका है। इस बीच यूक्रेन के बूचा से रूह कंपा देने वाली तस्‍वीरें सामने आई हैं। रूस पर यहां नागरिकों के जनसंहार का आरोप लगा तो उसके खिलाफ युद्ध अपराध के आरोपों की जांच भी यूक्रेन में शुरू हो गई है। बूचा में कथित नरसंहार की तस्‍वीरें सामने आने के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने इसे अमानवीय करार देते हुए रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा करने की घोषणा की है तो भारत ने भी बूचा से आई खबरों को 'भीतर तक परेशान करने वाला' करार देते हुए संयुक्त राष्ट्र से इसकी स्‍वतंत्र जांच की मांग की है। पूरे मामले में अब रूस ने बयान जारी किया है।

रूस ने क्‍या कहा?

भारत स्थित रूसी दूतावास की ओर से इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है, 'बूचा में जघन्य हमला द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी अपराधों के दु:स्‍वप्‍न की याद दिलाता है। रूस, भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया ने इसे घृणास्‍पद करार देते हुए इसकी निंदा की है। रूस इस घृणित युद्ध अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन मुख्य चुनौती इसके लिए स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है।'

बयान में कहा गया है, अफसोस की बात यह है कि रूस के खिलाफ अब तक बड़े पैमाने पर खोखले आरोप लगे हैं, जबकि इस बात के सबूत हैं कि वास्तव में एक झूठा ऑपरेशन चलाया गया, जिसे यूक्रेन ने ही अंजाम दिया। चूंकि हम न्‍याय चाहते हैं, ऐसे में इस बात को ध्‍यान में रखना आवश्‍यक है।

A dog drinks water next to destroyed Russian armored vehicles in Bucha, Ukraine, Sunday, April 3, 2022. (AP Photo/Rodrigo Abd)

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G7 ने जारी किया बयान

बूचा 'जनसंहार' को लेकर जी7 की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है, ज‍िसमें रूस को अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार परिषद से निलंबित किए जाने पर जोर देते हुए कहा गया है कि अब इसका समय गया है।

बूचा में क्‍या हुआ?

यहां गौर हो कि यूक्रेन के बूचा में सड़कों पर लाशें बिछी तस्‍वीरें सामने आई हैं तो मीडिया रिपोर्ट्स में आम लोगों के हवाले से यह भी कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने अकारण ही उनपर गोली चलाई और उनके घर जला दिए। कई लोगों का यह भी कहना है कि रूसी सैनिकों की ज्‍यादती के कारण वे जान से जाने वाले अपने परिजनों को दफना भी नहीं पाए। यहां तकरीबन 400 लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है, जिसका आरोप रूसी सैनिकों पर लगा है।

Journalists take pictures next to a mass grave in Bucha, in the outskirts of Kyiv, Ukraine, Sunday, April 3, 2022. (AP Photo/Rodrigo Abd)

यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वालोदिमीर जेलेंस्‍की ने पिछले दिनों बूचा में यूक्रेनी सैनिकों द्वारा बारूदी सुरंग बिछाने की बात भी कही थी। बूचा में न केवल सड़कों पर लाशों की तस्‍वीरें आई हैं, बल्कि शहर के एक चर्च में खुली कब्र भी देखी गई है, जिसमें कई शव देखे जा सकते हैं। इनमें से कुछ काले बॉडी बैग में देखे जा रहे हैं। सड़कों पर खड़ी कारों पर भी गोलियों के निशान देखे गए हैं तो एक कार में शव भी नजर आया हे। गोलाबारी और विस्‍फोटों की वजह से कई घर ढह गए हैं तो कई आगजनी की भेंट चढ़ चुके हैं।

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मामले में भारत का रुख

रूस ने हालांकि बूचा में किसी भी तरह की क्रूरता में शामिल होने से इनकार किया है, लेकिन शहर में कई जले हुए रूसी टैंक देखे गए हैं। यहां तक कि घरों के बाहर और आंगन में भी टैंकों के निशान देखे गए हैं, जिसकी वजह से रूस पर युद्ध अपराध के आरोप लगाए जा रहे हैं। रूस ने अब इसी पर बयान जारी किया है। भारत स्थित रूसी दूतावास का बयान संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के मंगलवार शाम उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्‍होंने कहा कि बूचा से आई खबरें 'भीतर तक परेशान कर देने वाली' हैं और संयुक्त राष्ट्र को इसकी स्‍वतंत्र जांच करनी चाहिए।

तिरुमूर्ति के इस बयान को रूस-यूक्रेन जंग पर भारत की अब तक की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इस मामले में गौर करने वाली बात है कि भारत ने इस पर टिप्‍पणी करते हुए रूस का जिक्र नहीं किया है। भारत यहां पश्चिमी देशों के उस नैरेटिव के साथ जाता नजर नहीं आता, जो इसके लिए सीधे तौर पर रूस को जिम्‍मेदार ठहराता है, बल्कि उसने स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग की है, जिसके नतीजे के आधार पर इसम मामले में जवाबदेही तय होगी।
 

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