नवाज शरीफ के लौटने की सुगबुगाहट के बीच इमरान खान की उड़ी नींद, क्‍या सैन्‍य जनरलों ने की कोई 'सीक्रेट डील'?

दुनिया
आईएएनएस
Updated Dec 31, 2021 | 15:11 IST

पाकिस्‍तान में नवाज शरीफ के एक बार फिर से देश लौटने की चर्चा बनी हुई है। यूं तो पाकिस्‍तान के मंत्री फवाद चौधरी ने पूर्व प्रधानमंत्री को जबरन यहां लाने का बयान दिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि इसे लेकर सैन्‍य जनरलों का कोई गोपनीय सौदा हुआ है, जिसके बाद से इमरान खान की नींद उड़ी हुई है।

नवाज शरीफ/इमरान खान
नवाज शरीफ/इमरान खान  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

इस्‍लामाबाद : पाकिस्तानी मीडिया में इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लंदन से स्वदेश लौटने का बाजार गर्म हैं और इसके चलते प्रधानमंत्री इमरान खान की नींद उड़ी हुई है। यह भी माना जा रहा है कि इसके लिए पाकिस्तानी सेना के जनरलों ने इमरान खान को हटाने के लिए एक गुप्त सौदेबाजी की है, क्योंकि आईएसआई का भी मानना है कि इमरान खान एक प्रधानमंत्री के तौर पर सफल साबित नहीं हुए हैं।

पाकिस्तान में लोकतंत्र सिर्फ कहने के लिए है और वहां की सरकार की भूमिका सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ही तय करती है। सेना को पाकिस्तानी सिक्योरिटी एस्टेबलिस्मेंट के नाम से भी जाना जाता है और सरकार को पर्दे के पीछे से यही नियंत्रित करती है।

माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने नवाज शरीफ को लंदन से लाने के लिए एक गुप्त समझौता किया है, लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की जा सकी है। हालांकि जिस तरह से पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के मंत्री रोजाना बयान दे रहे हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि नवाज शरीफ की वापसी हो रही या नहीं, इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि पर्दे के पीछे कोई और खेल चल रहा है।

 In this Thursday, June 15, 2017, photo, Pakistani Prime Minister Nawaz Sharif waves with his son Hussain Nawaz, right, outside the premises of the Joint Investigation Team, in Islamabad, Pakistan. Pakistan's Supreme Court in a unanimous decision has asked the country's anti-corruption body to file corruption charges against Prime Minister Nawaz Sharif, his two sons and daughter for concealing their assets. (AP Photo/B.K. Bangash)

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पाकिस्तानी गृह मंत्री शेख राशिद का कहना है 'कुछ लोग कह रहे हैं कि नवाज शरीफ लौट रहे हैं और कुछ कह रहे हैं कि वह वापिस नहीं आ रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह वापिस आते हैं या नहीं, लेकिन इमरान खान अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेंगे। ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है।'

...जब आपा खो बैठे फवाद चौधरी

पाकिस्तान में इस वर्ष स्थानीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं और वर्ष 2023 में आम चुनाव होंगे। एक कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी से नवाज शरीफ के लौटने संबंधी सवाल किया तो वह अपना आपा खो बैठे और यहां तक कह दिया 'मैं आपको बता रहा हूं कि नवाज शरीफ वापिस पाकिस्तान नहीं आएंगे और हमें उन्हें लाना ही पड़ेगा।'

उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनमें यहां आने का साहस है तो आकर दिखाएं, अगर वह आते हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। भले ही सरकार के मंत्री इस तरह के जोश भरे बयान दे रहे हो लेकिन इससे इमरान खान सरकार में मायूसी का माहौल दिखाई पड़ रहा है और पाकिस्तानी मीडिया में रोजाना उनकी वापसी की खबरों को प्रमुखता दी जा रही है।

In this image taken from video provided by UN Web TV, Imran Khan, Prime Minister of Pakistan, remotely addresses the 76th session of the United Nations General Assembly in a pre-recorded message, Friday Sept. 24, 2021 at UN headquarters. (UN Web TV via AP)

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पाकिस्तानी विश्लेषकों के अनुसार, जब भी ऐसा होता है, तो यह पूरी तरह से उचित समय होगा और इसका अधिकतम राजनीतिक प्रभाव होगा। नवाज शरीफ पूरी तरह से जानते हैं कि वह एक दोषी व्यक्ति हैं और जब तक उन्हें कोई कानूनी राहत नहीं मिल जाती है तब तक उन्हें अपनी सजा भुगतनी ही होगी।

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नवाज की वापसी का मतलब यह भी है कि पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान ने उन्हें राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देने का फैसला किया है और उनके खिलाफ मामलों को खारिज करना मुश्किल नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान बार काउंसिल ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ( एनएबी) द्वारा शरीफ को दी गई सजा को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

जवाबदेही मामले में इमरान खान के विशेष सहायक शहजाद अकबर ने कहा है कि 'बार काउंसिल के लिए कोर्ट में याचिका दायर करना उचित नहीं है। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर उन्हें चौथी बार प्रधानमंत्री बनाया जाना कानूनी रूप से कितना व्यावहारिक है।' उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने हाल ही में लंदन में नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इस मामले में सैन्य प्रतिष्ठान के करीबी नेता चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन नवाज शरीफ के एक करीबी विश्वासपात्र और पाकिस्तान नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अयाज सादिक ने जियो न्यूज को बताया कि लंदन में कई बैठकें हो रही हैं।

 In this Thursday, June 15, 2017, photo, Pakistani Prime Minister Nawaz Sharif waves with his son Hussain Nawaz, right, outside the premises of the Joint Investigation Team, in Islamabad, Pakistan. Pakistan's Supreme Court in a unanimous decision has asked the country's anti-corruption body to file corruption charges against Prime Minister Nawaz Sharif, his two sons and daughter for concealing their assets. (AP Photo/B.K. Bangash)

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सादिक ने कहा, वे नवाज शरीफ से इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि उन्होंने महसूस किया है कि इमरान खान को सत्ता में लाना नाकामी साबित हुआ है। पाकिस्तानी दैनिक डॉन ने अपने संपादकीय में, लिखा है श्री शरीफ का नैतिक दायित्व है कि वे अपने वादे के अनुसार चिकित्सा उपचार कराने के बाद लंदन से पाकिस्तान लौट आएं। ऐसा लगता है कि इस समय उनकी हालत ठीक हैं, जिसका अर्थ है अब ऐसा कुछ नहीं है जो उन्हें अदालतों के समक्ष किए गए वादे को पूरा करने से कोई रोक नहीं सकता। इसलिए उनकी वापसी का हालिया जिक्र एक स्वागत योग्य संकेत है।

सैन्‍य प्रतिष्‍ठान-शरीफ बंधुओं में बन गई बात!

मशहूर पत्रकार और एडिटर-इन चीफ नजम सेठी का कहना है पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान और नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ के बीच बातचीत के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं, इमरान खान से छुटकारा पाने के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले केवल एक या दो बाधाओं को पार करना है।

दिलचस्प बात यह है कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने खुलासा किया था कि उनसे पाकिस्तान के भविष्य की योजना बनाने के लिए मदद मांगी गई थी। हालांकि जरदारी ने अपने संपर्क स्रोत का खुलासा नहीं किया, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की अटकलें है कि पूर्व राष्ट्रपति सैन्य प्रतिष्ठान की बात कर रहे हैं।

इस घटनाक्रम पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिली है। मीडिया रिपोर्टों में फवाद चौधरी के हवाले से कहा गया कि जब उन्होंने नवाज शरीफ की अयोग्यता को रद्द करने के बारे में इमरान खान से बात की, तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर दोषियों को रिहा किया जाना है तो देश की सभी जेलों के दरवाजे खोल कर सभी दोषियों को आजाद कर देना चाहिए।
 

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