नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत को अपने परमाणु हथियारों की गीदड़ भभकी दी है। हैरान करने वाली बात है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को दो देशों के बीच परमाणु हथियारों के संघर्ष से जोड़ा है। जेनेवा में वैश्विक शरणार्थी फोरम को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि सीएए से न कवेल दक्षिण एशिया में शरणार्थी संकट बढ़ेगा बल्कि यह परमाणु हथियार संपन्न देशों भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को बढ़ा सकता है।
भारत ने बिना देरी किए इमरान खान के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि भारत के पूरी तरह से आंतरिक मामले में इमरान खान का बयान गैर-जरूरी है। वह एक बहुपक्षीय मंच पर अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा और झूठ बोल रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'समूचे विश्व को अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि इमरान खान अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करने के आदी हो चुके हैं। पिछले 72 सालों से ज्यादा समय से इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान ने अपने यहां सभी अल्पसंख्यक समुदायों का व्यवस्थित तरीके से प्रताड़ित किया है और इसकी वजह से पाकिस्तान के ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदायों ने भारत में शरण ली है।'
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इमरान खान ने फोरम में कहा, 'कश्मीर में 'कर्फ्यू और नए नागरिकता कानून के चलते लाखों मुस्लिम भारत छोड़ सकते हैं और इससे शरणार्थी संकट पैदा होगा। शरणार्थी संकट और समस्याओं को जन्म देगा।'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध तनाव भरे दौर से गुजर रहे हैं। भारत सरकार ने गत 5 अगस्त को अपने ऐतिहासिक फैसले में राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया।