इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया के विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था के लिए शुक्रवार को अपना एक 10 सूत्रीय एजेंडा सामने रखा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक दो दिवसीय विशेष सत्र को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि विकासशील देश यदि उनकी ओर से सुझाए गए 10 सूत्री फॉर्मूले को यदि अपनाते हैं तो उनकी अर्थव्यवस्था कोविड-19 के संकट से तबाह होने से बच सकती है। विशेष सत्र के आयोजन का लक्ष्य कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए एक राह की तलाश करना है। इस सत्र को 141 देशों के नुमाइंदों को संबोधित करना है।
इमरान ने यूएनजीए के सत्र को संबोधित किया
सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि महामारी ने मनुष्य के कष्टों को बढ़ा दिया है और इससे दुनिया में 1930 के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हुआ है। इमरान ने कहा कि इस महामारी के संकट के चलते विकासशील देशों में करीब 10 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी में चले जाएंगे जबकि समृद्ध देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 13 खरब डॉलर का पैकेज दिया है।
'विकासशील देशों के पास आर्थिक पैकेज के लिए पैसा नहीं'
उन्होंने कहा, 'विकासशील देशों के पास अपनी अर्थव्यवस्था उबारने एवं राहत पैकेज देने के लिए पैसा नहीं है। महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए ये देश आर्थिक पैकेज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।' इमरान इन देशों को आर्थिक संकट से उबाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पहल करने की अपील की। इमरान कोरोना संकट को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी आपदा करार दिया। उन्होंने यूएनजीए के अध्यक्ष को भरोसा दिया कि उनकी 10 सूत्रीय योजना गरीब देशों की मदद करेगी।
पाक में लॉकडाउन हुआ कारगर
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में सही समय पर लॉकडाउन लागू कर इस महामारी के प्रसार पर रोक लगाई गई। उन्होंने कहा, 'अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हमने आठ अरब डॉलर का राहत पैकेज जारी किया। यह हमारी जीडीपी का करीब तीन प्रतिशत है।' इमरान ने कहा कि इस राहत पैकेज का असर दिखाई दिया है लेकिन देश पर कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बना हुआ है।