चीन से बैरंग लौटे इमरान खान को अब रूस से आस, बिना न्‍यौते के ही जाएंगे मास्‍को, इधर कुर्सी पर खतरा

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन दौरे से लौटे हैं, जहां से उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। अब उनकी उम्‍मीदें रूस से हैं और यही वजह है कि वह बिना न्‍यौते के भी मास्‍को जाने को तैयार हैं। लेकिन उनका यह दौरा ऐसे समय में प्रस्‍तावित है कि इस पर कई सवाल उठ रहे हैं। घरेलू मोर्चे पर भी उनके लिए कठिनाइयां कम नहीं हैं।

बिना न्यौते के ही रूस जाएंगे इमरान खान! कुर्सी पर भी है खतरा
बिना न्यौते के ही रूस जाएंगे इमरान खान! कुर्सी पर भी है खतरा  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

Imran Khan Russia visit: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रूस के दौरे पर जाने वाले हैं। उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जबकि यूक्रेन के मसले पर अमेरिका और रूस के बीच तनाव गहरात जा रहा है। बढ़ते तनाव के बीच रूस ने अब क्रीमिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया है। इमरान खान का रूस दौरा इसलिए भी अहम हो जाता है, क्‍योंकि पाकिस्‍तान में विपक्ष उनके खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की तैयारियों में भी जुटा है।

इमरान खान का यह पाकिस्‍तान में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पहला रूस दौरा होगा, जिसका मुख्‍य मकसद आर्थिक तंगी से जूझ रहे मुल्‍क के लिए कुछ वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त करना है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री अभी हाल ही में ही चीन के दौरे से लौटे हैं, जिसे उन्‍होंने 'सबसे भरोसेमंद' दोस्‍त कहा है। चीन के बाद अब रूस के दौरे की तैयारियों में हैं और यहां भी वह मुल्‍क के लिए कर्ज मांगेंगे, जिसके संकेत पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री शौकत तरीन के बयानों से पहले ही मिल चुके हैं।

इमरान खान को नहीं मिला न्‍यौता!

इमरान खान का यह रूस दौरा 24-25 फरवरी को होने का अनुमान जताया जा रहा है, लेकिन यह पाकिस्‍तान के लिए शर्मिंदगी का एक कारण भी बन सकता है, क्‍योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने उन्‍हें इसके लिए आमंत्रित नहीं किया है, बल्‍कि पाकिस्‍तान की सरकार के प्रमुख ने खुद ही आगे बढ़कर रूस जाने की इच्‍छा जताई। रूस इस वक्‍त जिस तरह के हालातों से गुजर रहा है, उसे देखते हुए भी जानकार इमरान खान के दौरे को अप्रासंगिक बता रहे हैं।

पाकिस्‍तान इस वक्‍त FATF की ग्रे लिस्‍ट में है, जिसकी वजह से उसे IMF सहित अन्‍य वित्‍तीय संस्थानों से भी कर्ज नहीं मिल रहा है। इमरान खान 4 फरवरी को चीन दौरे पर गए थे और तब भी उनकी मंशा यही थी कि चीन-पाकिस्तान के बीच कोई बड़ी ट्रेड डील व अन्‍य समझौते हो जाएं। लेकिन इमरान खान को वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा। चीन के साथ न कोई समझौता हुआ और न ही पाकिस्‍तान को कोई कर्ज मिला।

इमरान खान की कुर्सी पर भी खतरा

अब एक बार फिर रूस दौरे से भी इमरान खान के हाथ कुछ लगेगा, इसकी उम्‍मीद भी कम ही है, जबकि घरेलू स्‍तर पर विपक्ष ने उनके खिलाफ जो मोर्चाबंदी कर रखी है, उससे उनकी कुर्सी पर भी संकट मंडरा रहा है। पाकिस्‍तान में 2023 में चुनाव होना है और उससे पहले ही विपक्ष उनके खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की तैयारी में है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है क्‍या इमरान खान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए रूस जा पाएंगे?

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