Kim Jong Un Story: -15 डिग्री में किम जोंग उन ने लोगों को कर दिया खड़ा, खुद लेता रहा हिडेन हीटर का आनंद

किम जोंग उन की सनक के बारे में दुनिया वाकिफ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपने पिता की जयंती पर उसने लोगों को करीब 30 मिनट माइनस डिग्री तापमान में खड़ा कर दिया जबकि खुद हिडेन हीटर के जरिए गर्मी का आनंद लेता रहा।

Kim Jong Un, North Korea
माइनस 15 डिग्री में लोगों को किम जोंग उन ने लोगों को कर दिया खड़ा खुद लेता रहा हिडेन हीटर का आनंद  |  तस्वीर साभार: AP

तानाशाह, सनकी होते हैं। अगर ऐसा ना होता तो शायद हम सब उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किन जोंग उन की चर्चा ना करते। किम जोंग उन की क्रूरता की फेहरिश्त से हम सब वाकिफ हैं। इन सबके बीच किम जोंग उन से जुड़ी एक और जानकारी सामने आई है। कहते हैं कि वो दूसरों को दुख देकर आनंदित होता है तो उसके पीछे वजह भी है।  अपने पिता की 80वीं जयंती पर किम ने हजारों लोगों को माइनस 15 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में करीब 30 मिनट तक खड़ा कर दिया जबकि वो खुद हिडेन हीटर का सुख लेता रहा। 

किम जोंग उन और हिडेन हीटर
किम जोंग उन जब लोगों को संबोधित कर रहा था तो लोगों का ध्यान बिना दस्ताने, स्कार्फ या ईयर वार्मर पर पड़ी। रिपोर्टर कॉलिन ज़्विर्को ने दावा किया कि  संभव है कि लंबे भाषण के दौरान किम को किसी तरह की तकलीफ ना हो उसके लिए हीटर का इस्तेमाल किया जा रहा था। किम जोंग अपने पिता की 80वीं जयंती मना रहा था।  

किम जोंग इल की थी 80वीं जयंती
संबोधन के दौरान उत्तर कोरियाई अधिकारी री इल ह्वान ने 'अमेरिकी साम्राज्यवादियों' को चुनौती देने और '1980 के दशक में समाज-विरोधी पागलपन के चरम' से लड़ने के लिए किम जोंग इल की प्रशंसा की। ह्वान ने कहा कि दिवंगत नेता ने एक 'स्टेपिंग स्टोन' प्रदान किया था और वर्तमान उत्तर कोरियाई ताकतवर किम जोंग उन के लिए एक 'क्रांतिकारी विरासत' छोड़ी थी। यह आयोजन 16 फरवरी 1942 को किम जोंग इल के जन्म की वर्षगांठ से एक दिन पहले मंगलवार, 15 फरवरी को हुआ था।

किम जोंग इल के जन्म स्थान को लेकर कई विचार
उत्तर कोरियाई दावे कि किम जोंग इल का जन्म 1942 में सैमजियन के पास माउंट पैक्टू में एक 'गुप्त शिविर' में हुआ था, को भी संबोधन के दौरान दोहराया गया था।हालाँकि सोवियत अभिलेखों से संकेत मिलता है कि जोंग इल वास्तव में 16 फरवरी, 1942 को पूर्वी रूस में खाबरोवस्क के पास पैदा हुआ था। लेकिन सोवियत रिकॉर्ड बताते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापानियों की हार के बाद सोवियत संघ द्वारा प्रायद्वीप पर विजय प्राप्त करने के बाद तक इल सुंग ने उत्तर कोरिया की यात्रा नहीं की थी।

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