भारत विकासशील देशों की आवाज है, यूएनजीए बैठक से पहले बड़ा बयान

यूएनजीए में महामंथन से पहले भारत ने कहा कि वैश्विक स्तर एका बनाने के लिए सभी सदस्य देशों को मिलजुल कर काम करने की जरूरत है, वैश्विक शांति के लिए भारत की क्या भूमिका है उसे बखूबी हम समझते हैं।

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भारत विकासशील देशों की आवाज है, यूएनजीए बैठक से पहले बड़ा बयान 
मुख्य बातें
  • भारत अब विकासशील देशों की आवाज है, यूएनएससी में भारत के स्थाई प्रतिनिधि का बयान
  • साझी चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी मुल्कों को एक साथ आने की जरूरत
  • 25 सितंबर को यूनजीए को संबोधित करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बैठक से पहले भारत ने कहा कि अब भारत विकासशील देशों की आवाज बन रहा है। यूएनएससी में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमुर्ति ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर विकासशील देशों को भारत में उम्मीद दिखाई देती है। इसके अलाला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों में भी भारत के प्रति भरोसे में और इजाफा हुआ है और सदस्य देश भारत की महत्ता को समझते हैं। 

भारत अपनी जिम्मेदारी समझता है
उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने जो साझा चुनौतियां है, उसे भारत ना सिर्फ बेहतर तरीके से समझता है बल्कि उससे निपटने के लिए आगे भी आया है। क्लाइमेट चेंज हो, आतंकवाद का मुद्दा, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को हासिल करने की बात हो तो भारत, दुनिया के सभी मुल्कों के साथ मिलकर आगे बढ़ रहा है।यूएनएससी के सदस्यों के संबोधन में टी एस तिरुमुर्ति ने कहा कि हमें देखना होगा कि किस तरह से हम सभी सदस्य देशों के सम्मान, सार्वभौम सत्ता का सम्मान करते हुए फैसला लेते हैं। 

25 सितंबर को यूनजीए को संबोधित करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
टी एस तिरुमुर्ति ने कहा कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को यूएनजीएस की 76वीं बैठक को संबोधित करने वाले हैं, यह बैठक और संबोधन हम सबके लिए इसलिए ज्यादा अहम है क्योंकि कोरोना के दौर में हम पहली बार इतने बड़े मंच पर रूबरू होने जा रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी भारत ने वैश्विक स्तर पर अपना हाथ बढ़ाया और हमारी यह कोशिश है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बिना किसी भेदभाव के दुनिया के सभी मुल्क लड़ाई में एक साथ अपनी भूमिका अदा करें। 

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