Pak Army Vs Sindh Police: बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय, जिन्ना के दिए घाव से परेशान है पाकिस्तान !

दुनिया
ललित राय
Updated Oct 22, 2020 | 21:29 IST

पाकिस्तान के सिंध में जिस तरह से पाक सेना और सिंध पुलिस आमने सामने आ गई क्या उसकी बुनियाद में जिन्ना की नीति तो जिम्मेदार नहीं। जानकार कहते हैं कि जब किसी देश की बुनियाद खराब होती है तो ऐसे ही हालात बनते हैं।

Pak Army Vs Police: बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय, जिन्ना के दिए घाव से परेशान है पाकिस्तान !
पाक सेना के खिलाफ जब सिंध पुलिस ने खोल दिया मोर्चा 
मुख्य बातें
  • नवाज शरीफ के दामाद सफदर अवान की गिरफ्तारी के संबंध में पाक सेना और पुलिस में तनाव बढ़ा
  • सिंध पुलिस के आईजी का अपहरण कर वारंट पर दस्तखत कराने का आरोप
  • विवाद बढ़ने के बाद पाक सेना ने दिए जांच के आदेश

इस्लामाबाद। 1947 में भारत की आजादी से एक दिन पहले तकनीकी तौर पर पाकिस्तान आजाद हो चुका था। कायदे आजम जिन्ना की हसरत पूरी हो चुकी थी यह बात अलग है कि जिन्ना को लगता था कि उनके हिस्से में सड़ा गला पाकिस्तान ही आया है,लेकिन वो चाहते थे कि उनके मुल्क का भी स्वरूप भारत की तरह धर्मनिरपेक्ष रहे, यह बात अलग है कि पाकिस्तान किस रूप में दुनिया के सामने है उस विषय में किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है।

सिविल सरकार को पाक सेना दोयम मानती है
अगर पाकिस्तान के इतिहास को देखें तो तीन बार तख्तापलट हो चुका है और हाल ही में जिस तरह से पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस आमने सामने आ गई उसके बुनियाद में 1947 के उन प्रसंगों को नहीं भूला जा सकता है जब पाक सेना ने कबायलियों के भेष में जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया था। उस वक्त भी वहां सरकार थी। लेकिन पाक फौज का बुनियादी सिद्धांत ही बन गया कि सिविल सरकार दोयम दर्जे की है। उसका नतीजा जुल्फिकार अली भुट्टो, नवाज शरीफ के तौर पर दिखाई भी दिया। अगर परवेज मुशर्रफ की बात करें तो वो कहते थे कि पाकिस्तान की सियासत में जितने भी राजनीतिक दल हैं वो अवाम का भला कर ही नहीं सकती हैं। 

नवाज शरीफ, इमरान खान की 'जूम मीटिंग'! पाकिस्‍तान में बवाल के बीच इंटरनेट पर छाया ये वीडियो
सफदर अवान के मुद्दे पर पाक सेना और पुलिस आमने सामने
हाल ही में सिंध की एक रैली में नवाज शरीफ की बेटी और उनके दामाद सफदर अवान जब इमरान खान सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे थे तो संदेश आर्मी जनरलों को जा रहा था। वैसे भी वहां के राजनीतिक दल खुलेआम कहते हैं कि इमरान खान की सरकार इलेक्टेड नहीं बल्कि सलेक्टेड है। आर्मी चीफ जिस तरह से उनकी बांह मरोड़ते हैं वैसे ही वो घूम जाते हैं। हाल में जब सिंध पुलिस ने आर्मी के खिलाफ मोर्चा खोला तो बताया जाता है कि कहीं न कहीं गृहमंत्री एजाज शाह की भूमिका थी।

कराची में सिविल वार की अफवाह क्यों उड़ी, पाक सेना ने दिए जांच के आदेश, नवाज शरीफ के दामाद से क्या है कनेक्शन
एजाज शाह की भूमिका पर सवाल
एजाज शाह वो शख्स हैं जो सेना से जुड़े रहे हैं, उनकी नजर में जम्हुरियत को आप यूं समझ सकते हैं जब वो कहते हैं कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी शख्स या दल को राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ बोलने की आजादी नहीं दी जा सकती है आगे वो यह भी कहते हैं कि बोलने के नाम पर आप कुछ भी कैसे बोल सकते हैं। बताया यह भी जा रहा है कि सिंध पुलिस के आईजी के अपहरण के पीछे उनका दिमाग था क्योंकि वो किसी भी सूरत में नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी चाहते थे। 

अगली खबर