नई दिल्ली : अमेरिका ने पिछले महीने खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सरगना अबु बकर अल-बगदादी के मारे जाने का ऐलान किया था। इसे आईएस के लिए जहां बड़ा झटका माना जा रहा है, पर इस आतंकी संगठन का खतरा अभी टला नहीं है। इराक और सीरिया से शुरुआत करने वाला यह आतंकी संगठन अब दुनियाभर में पैर पसार चुका है और मौजूदा समय में दुनियाभर में इसकी 20 शाखाएं खुल जाने की बात सामने आ रही है। इनमें सबसे अधिक खतरनाक आईएसआईएस-खुरासान समूह माना जा रहा है, जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में सक्रिय है।
अमेरिका के राष्ट्रीय आतंकनिरोधक सेंटर के कार्यकारी निदेशक रशेल ट्रैवर्स ने इस बारे में अमेरिकी सांसदों को जानकारी दी तो भारत को आगाह भी किया। भारतीय मूल की सीनेटर मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने कहा कि दुनियाभर में आईएस के कई सक्रिय समूहों में से आईएसआईएस-के अमेरिका के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण है। यह समूह बीते साल यानी 2018 में भारत पर आत्मघाती हमले की साजिश भी कर चुका है। हालांकि इसमें उसे कामयाबी नहीं मिली।
दक्षिण एशिया क्षेत्र में आतंकी हमले करने को लेकर आईएसआईएस-के की ताकत के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने कहा, 'उन्होंने निश्चित तौर पर अफगानिस्तान के बाहर हमले करने की कोशिश की है। उन्होंने पिछले साल भारत में भी आत्मघाती हमले करने की साजिश रची थी, लेकिन वे नाकाम रहे।'
मैगी हसन पिछले महीने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के दौरे पर गई थीं, जब उन्हें अमेरिकी सेना ने आईएसआईएस-के के खतरे को लेकर जानकारी दी। हसन के मुताबिक, 'मैंने साफ तौर पर सुना कि आईएसआईएस-के न केवल अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैन्य बलों के लिए खतरा बन चुका है, बल्कि यह अमेरिका में भी हमले कर सकता है।'