23 November history: आज के दिन इतिहास में दर्ज हैं कई दुखद घटनाएं, इटली में भूकंप ने ली थी 2600 लोगों की जान

दुनिया
भाषा
Updated Nov 23, 2020 | 05:30 IST

Aaj Ka Itihas, 23 November: 23 नवंबर का दिन इतिहास में कई दुखद घटनाओं के लिए याद किया जाता है। इस दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं सामने आईं। जानिए क्या है आज का इतिहास।

आज का इतिहास, 23 नवंबर
आज का इतिहास, 23 नवंबर  |  तस्वीर साभार: YouTube

नई दिल्ली : इतिहास में दर्ज हर तारीख की तरह 23 नवम्बर के नाम भी बहुत सी घटनाएं दर्ज हैं। हालांकि यह एक संयोग ही है कि इस तारीख की ज्यादातर घटनाएं दुखद ही रहीं, फिर चाहे वह 1937 में देश के जाने-माने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का निधन हो या फिर 1996 में इथियोपिया का विमान हादसा।

देश-दुनिया के इतिहास में 23 नवंबर की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1857 : कोलिन कैंपबेल की अगुवाई में अंग्रेजों ने लखनऊ को क्रांतिकारियों के कब्जे से मुक्त कराया।
1926 : आध्यात्मिक गुरू सत्य साईं बाबा का जन्म
1936 : फोटो पत्रकारिता में एक अलग पहचान रखने वाली पत्रिका लाइफ का पहला अंक प्रकाशित।
1937 : देश के जाने माने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का निधन।
1946 : बंदरगाह शहर हेइफोंग पर फ्रांस के नौसैनिक हमले में वियतनाम के 6000 नागरिकों की मौत।
1980 : इटली में भीषण भूकंप से 2600 लोगों की मौत।
1983 : भारत में पहले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का आयोजन। यह सम्मेलन राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया।
1984 : लंदन के व्यस्ततम ऑक्सफोर्ड सर्कस स्टेशन पर आग लगने से क़रीब एक हज़ार लोग तीन घंटे तक धुएं से भरी सुरंग में फंसे रहे।
1990 : ब्रिटेन के प्रसिद्ध लेखक रोल्ड डॉल का इंग्लैंड के आक्सफर्ड में निधन। डॉल को बच्चों के लिए अद्भुत साहित्य सृजन के लिए जाना जाता ।
1996: इथियोपियाई एयरलाइंस के अदीस अबाबा से नौरोबी जा रहे बोइंग 767 विमान का अपहरण। ईंधन कम होने के कारण विमान हिंद महासागर में गिरा।
2001 : इस्राइल के एक हेलीकाप्टर ने पश्चिमी किनारे में एक वाहन पर दो मिसाइल दागकर इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हमास के प्रमुख सदस्य महमूद अबु हनौद को मार गिराया।
2002 : नाइजीरिया में होने वाली विश्व सुंदरी प्रतियोगिता को वहां की बजाय लंदन में आयोजित करने का फैसला किया गया।
2011 : लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के चलते यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह को 33 वर्ष के शासन के बाद इस्तीफा देना पड़ा।

अगली खबर