नई दिल्ली : क्रिस्टलीना जार्जीवा की बात करें तो किसी भी आम महिला की तरह उन्हें घूमना पसंद है, वह गिटार बजाती हैं, धुन अच्छी हो तो नाचना पसंद करती हैं और लजीज खाना भी पकाती हैं, लेकिन उनके पेशेवर पहलू पर नजर डालें तो वह एक सफल अर्थशास्त्री हैं और दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय संगठन की प्रमुख के तौर पर दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने का इरादा रखती हैं।
66 वर्षीय क्रिस्टलीना जॉर्जीवा बुल्गारिया की जानी मानी अर्थशास्त्री हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख के तौर पर एक नयी जिम्मेदारी के लिए चुना गया है। यह पहला मौका है जब किसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के नागरिक को इस महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक संगठन के प्रमुख के तौर पर चुना गया है। उनसे पहले क्रिस्टीन लेगार्ड यह पदभार संभाल रही थीं और वह इस ओहदे पर पहुंची विश्व की पहली महिला थीं।
पांच साल के लिये इस पद पर नियुक्त की गई क्रिस्टलीना इस बात से वाकिफ हैं कि आर्थिक रूप से दुनिया की हालत कोई बहुत अच्छी नहीं हैं। वह इस नियुक्ति को एक बड़ी चुनौती मानते हुए कहती हैं, ‘ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक वृद्धि निराशाजनक है, व्यापार तनाव चरम पर हैं और कर्ज अभूतपूर्व तौर पर उच्च स्तर पर है, आईएमएफ की अगुवाई के लिये चुना जाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।'
वह इससे पहले विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विश्व बैंक समूह की अंतरिम अध्यक्ष रही हैं। वह अपने सहज सरल व्यक्तित्व और ठोस एवं सशक्त आर्थिक नीतियों के चलते दुनियाभर में एक समझदार अर्थशास्त्री के तौर पर पहचान बना चुकी हैं।
13 अगस्त 1953 को बल्गारिया के सोफिया में नौकरशाहों के एक परिवार में जन्मीं क्रिस्टलीना के दादा इवान खशोव्की एक प्रमुख क्रांतिकारी थे।
कार्ल मार्क्स हायर एजुकेशन ऑफ एकोनोमिक्स से अर्थशास्त्र में बीए.एमए. और पीएचडी करने के बाद उन्होंने 1980 के दशक में लंदन स्कूल ऑफ एकोनोमिक्स और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टैक्नोलॉजी से भी पढ़ाई की। उन्होंने इस दौरान 100 से ज्यादा शोधपत्र लिखे और माइक्रोएकोनॉमिक्स पर एक पाठ्य पुस्तक भी लिखी।
बल्गारियन, अंग्रेजी और रूसी भाषा की जानकार क्रिस्टलीना ने अर्थशास्त्र के गहन अध्ययन के बाद बल्गारिया और अमेरिका में कई उच्च पदों पर कार्य किया। उन्होंने 1993 में विश्व बैंक ग्रुप के साथ काम करना शुरू किया और उन्हें यूरोप और मध्य एशिया के लिए पर्यावरण अर्थशास्त्री का दायित्व सौंपा गया। कई पड़ावों से गुजरते हुए अंतत: वह विश्व बैंक के पर्यावरण संबंधी विभाग के निदेशक के पद तक पहुंचीं।
इस महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए उन्होंने विश्व बैंक की 60 प्रतिशत कर्ज संबंधी गतिविधियों का संचालन किया। 2004-2007 के बीच संगठन की निदेशक और मास्को स्थित रूसी फेडरेशन में रेजीडेंट प्रतिनिधि के तौर पर कार्यरत रहीं। महिलाओं को आम तौर पर बचत करने वाला और सोच समझकर खर्च करने वाला माना जाता है।
ऐसे में 189 सदस्यों वाले अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख और प्रबंध निदेशक के तौर पर क्रिस्टलीना जार्जीवा की नियुक्ति से दुनिया की वित्तीय सेहत बेहतर होने का अनुमान लगाया जा रहा है। विश्व बैंक की मुखिया सहित अन्य प्रमुख वित्तीय संगठनों में क्रिस्टलीना द्वारा निभाई गई जिम्मेदारियों से विश्व मुद्रा कोष में उनके आने वाले कार्यकाल को उम्मीद भरी नजरों से देखा जा रहा है।