लाहौर: लाहौर हाईकोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के छह वरिष्ठ नेताओं को बरी कर दिया है। इन सभी 6 नेताओं को आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा प्रतिबंधित मुंबई हमले को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद लाहौर की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने इस साल अप्रैल में जमात-उद-दावा के वरिष्ठ नेताओं-प्रो. मलिक जफर इकबाल, याह्या मुजाहिद (जेयूडी के प्रवक्ता), नसरुल्ला, समीउल्लाह और उमर बहादुर को नौ-नौ साल की कैद और हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (सईद का बहनोई) को छह महीने की जेल की सजा सुनाई थी।
वहीं पिछले महीने पंजाब प्रांत में टीएलपी कार्यकर्ताओं और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई झड़पों के बाद, टीएलपी के जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था उन सभी को जमानत मिल गई है। इन सभी पर आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के कई नेताओं को आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामलों के तहत जमानत दे दी है।
एक और घटनाक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार विरोधी आंदोलन को समाप्त करने के लिए कट्टर इस्लामवादियों के आगे झुकते हुए चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही टीएलपी के पाकिस्तान के मुख्य राजनीतिक दल बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। फ्रांस में प्रकाशित ईशनिंदा कार्टून के मुद्दे पर सरकार को फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए मजबूर करने के वास्ते संगठन द्वारा किए गए हिंसक विरोध के बाद अप्रैल में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।