लंदन : भारत की स्वर कोकिला के रूप में जानी जाने वाली गायिका लता मंगेशकर को लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल में लाइव प्रस्तुति देने वाली पहली भारतीय कलाकार होने का गौरव प्राप्त है। लता (92) का रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने 1974 में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी शुरुआत के लिए ब्रिटेन के रॉयल अल्बर्ट हॉल को चुना था, जहां उन्होंने दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में अपने कुछ सबसे पसंदीदा गीतों को प्रस्तुत किया था।
उन्होंने हिंदी में अपने संक्षिप्त भाषण में कहा था, 'यह भारत से बाहर मेरा पहला संगीत कार्यक्रम है। मैं काफी नर्वस थी, लेकिन गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं आभारी हूं।' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बॉलीवुड के अपने समकालीनों जैसे किशोर कुमार व हेमंत कुमार के साथ काम करने व एस.डी. बर्मन और नौशाद के साथ प्रस्तुति देने के अनुभव दर्शकों के साथ साझा करते हुए उन्हें खूब हंसाया था।
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यह संगीत कार्यक्रम अभिनेता दिलीप कुमार की तरफ से आयोजित किया गया था, जिन्हें लता यूसुफ भाई बुलाती थीं। कुमार ने कार्यक्रम के दौरान लता मंगेशकर का उर्दू में परिचय कराते हुए कहा था, 'जैसे फूलों की कोई तय सुगंध नहीं होती, जैसे बहते पानी या हवा की कोई सीमा नहीं होती, और जैसे सूर्य की किरणों का कोई धार्मिक विभाजन नहीं होता, वैसा ही प्राकृतिक चमत्कार लता मंगेशकर की आवाज है।'
मंगेशकर का परिचय होने बाद पूरा हॉल उनके स्वागत में तालियों की आवाज से गूंज उठा था। इस कार्यक्रम का आयोजन नेहरू स्मृति कोष की मदद से किया गया था। कार्यक्रम के दौरान मंगेशकर ने 'मधुमती' फिल्म का 'आजा रे परदेसी', 'पाकीज़ा' फिल्म का 'इन्हीं लोगों ने' और 'महल' फिल्म का 'आएगा आने वाला' गीत गाया था। इस लाइव शो की रिकॉर्डिंग की 1,33, 000 से अधिक प्रतियां बिकी थीं।