नई दिल्ली। मुंबई हमलों के मुख्य अभियुक्तों में से एक तहव्वुर राणा के भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में अमेरिकी सरकार ने अदालत को जानकारी दी है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को प्रत्यíपत करने के भारत के अनुरोध पर दस जून को लॉस एंजिलिस में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। राणा को हाल ही में तब जेल से अनुकंपा आधार पर रिहा किया गया था, जब उसने अदालत को बताया था कि वह कोरोना संक्रमित है। भारत और अमेरिका के बीच 1997 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी।
2008 आतंकी हमले में हाथ
2008 में हुए आतंकी हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। राणा 11 जून को यहां अदालत में पेश हुआ था। कैलिफोíनया में अमेरिकी डिस्टि्रक कोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज जैकलिन चूलजियान ने शुक्रवार को उसके मामले में सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की थी। उसके वकील को 22 जून तक याचिका दाखिल करने और संघीय सरकार को 26 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया था।असिस्टेंट यूएस अटॉर्नी ने कहा कि था राणा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जिस अपराध के लिए जारी है वो प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-2 के तहत आता है।
आतंक का डॉक्टर निकला तहव्वुर राणा
तहव्वुर का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। उसने पाकिस्तान के ही कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से मेडिकल की डिग्री हासिल की थी। इसी कॉलेज में उसकी मुलाकात मुंबई हमले के एक और आरोपी और पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हैडली उर्फ सैयद दाऊद गिलानी से हुई थी। पेशे से डॉक्टर राणा पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कार्प्स में कैप्टन जनरल था। राणा 1997 में कनाडा चला गया था और 2001 में कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली थी।