James Webb Space Telescope First Image: अंतरिक्ष में जो अब तक नहीं दिखा,उसे दिखाएगा ये टेलिस्कोप,पहली तस्वीर ने ही चौंकाया

दुनिया
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Jul 13, 2022 | 09:06 IST

James Webb Space Telescope First Image, Launch Date India: 10 अरब डॉलर की लागत से तैयार वेब स्पेस टेलिस्कोप को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया था ।और इस समय वह धरती से 15 लाख किमी दूर सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। अभी तक के सबसे ताकतवर और चर्चित टेलिस्कोप में से एक हबल टेलिस्कोप से कहीं ज्यादा ताकतवर है।

nasa james webb space telescope
नासा के नए टेलिस्कोप में क्या है खास  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • नया टेलिस्कोप बृहस्पति और शनि ग्रहों के कई रहस्य सामने ला सकता है
  • टेलिस्कोप में 6.5 मीटर चौड़ा शीशा लगा हुआ है। इसके 20 साल तक अंतरिक्ष में काम करने की उम्मीद है।
  • आकाश गंगा से लेकर ब्रह्मांड के कई रहस्यों को सुलझाने में मदद मिलेगी।

James Webb Space Telescope First Image, Launch Date India:अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने  अभी तक के सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलिस्कोप जेम्स वेब (James Webb Space Telescope) से पहली रंगीन तस्वीर जारी कर दी है। नासा द्वारा ब्रह्मांड की जारी की गई यह तस्वीर अभी तक की सबसे सबसे हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीर है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में, इस तस्वीर का कितना महत्व है, इसे इसी से समझा जा सकता है कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन तस्वीर को व्हाइट हाउस में जारी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में यह ऐतिहासिक पल है।  यह टेल‍िस्‍कोप मानवता की महान इंजीनियरिंग उपलब्धियों में से एक है।

10 अरब डॉलर की लागत से तैयार वेब स्पेस टेलिस्कोप को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया था ।और इस समय वह धरती से 15 लाख किमी दूर सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। वेब स्पेस टेलिस्कोप अभी तक के सबसे ताकतवर और चर्चित टेलिस्कोप में से एक हबल टेलिस्कोप से कहीं ज्यादा ताकतवर है। पहली तस्वीरें जिस तरह खूबसूरत आकाश गंगा का विहंगम दृश्य दिखा रही हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में ब्रह्मांड के कई राज खुलेंगे।

13 अरब साल पहले की तस्वीर

नेचर डॉट कॉम के अनुसार, यह टेलिस्कोप अंतरिक्ष में मौजूद इतिहास के सबसे पुराने प्रकाश को भी दिखाता है। जो कि आज से 13 अरब साल पहले मौजूद था। पहली तस्वीर से साफ है कि आकाश गंगा शायद 13 अरब साल से भी पुरानी हैं।  बिंग बैंग सिद्धांत के अनुसार, आज से 13.8 अरब साल पहने अंतरिक्ष का निर्माण हुआ था। ऐसे में आकाश गंगा भी उस दौर की है।वेब स्पेस टेलिस्कोप की सबसे अहम खासियत यह है कि यह इंफ्रारेड वेबलेंथ की भी तस्वीरें ले सकता है। इसकी वजह से यह, धूल के बादलों , अनजान नए तारों और कहीं ज्यादा दूर तक अंतरिक्ष की तस्वीरें ले सकता है। आकाश गंगा के अध्ययन में भी यह टेलिस्कोप बेहद अहम तस्वीरें जारी करेगा। जो अभी तक कोई दूसरा अंतरिक्ष टेलिस्कोप नहीं कर पाया है। असल में आकाश गंगाएं पृथ्वी से कहीं ज्यादा दूर हैं। ऐसे में उन्हें केवल इंफ्रारेड वेबलेंथ से ही देखा जा सकता है। ऐसे में वेब स्पेस टेलिस्कोप से अहम तस्वीरें देखने को मिलेंगी। वेब की पहली डीप-फील्ड तस्वीर SMACS 0723 के रूप में जानी जाने वाली आकाशगंगाओं के एक समूह के रूप में दिखाती है। जो पृथ्वी से लगभग 4 अरब प्रकाश वर्ष दूर है।

वेब स्पेस टेलिस्कोप स्पेक्ट्रोस्कोपी की भी क्षमता रखता है। ऐसे में विभिन्न वेबलेंथ पर प्रकाश के पदार्थ के साथ कैसे संपर्क करता है। और वह किन केमिकल से बना है, इसकी जानकारी वैज्ञानिकों को प्रदान करेगा। इसके अलावा बृहस्पति और शनि ग्रहों के कई रहस्य,एक दूसरे से टकराने वाली दूर की आकाशगंगाओं के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। ऐसे में ब्रह्मांड के कई रहस्य खुलने की उम्मीद है।

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