नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) का वजन (Weight) संभवत: 10 से 20 किलोग्राम कम हो गया है और इसी के साथ उनके स्वास्थ्य को लेकर अकसर लगने वाली अटकलों को फिर से हवा मिल गई है। दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान जैसे देशों में किम का स्वास्थ्य चर्चा (Kim Jong Un Health) का विषय रहता है और अकसर इस तरह के सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की जाती है कि क्या किम का वजन और बढ़ गया है, क्या चलने में उनकी सांस फूल रही है, उनके पास लाठी क्यों है, वह महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं हुए इत्यादि।
सैंतीस वर्षीय नेता अपने स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार उनका वजन बढ़ा नहीं, बल्कि काफी कम हो गया है। सोशल मीडिया पर हाल में जारी की गई किम की तस्वीरों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने काफी वजन कम कर लिया है।
उनकी घड़ी पहले से ढीली हो गई है और उनका चेहरा पतला लग रहा है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि पांच फुट आठ इंच लंबे किम का वजन पहले 140 किलोग्राम था और अब उनका वजन संभवत: 10 से 20 किलोग्राम कम हो गया है।
सियोल स्थित 'कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन' के एक वरिष्ठ विश्लेषक होंग मिन ने कहा कि किम का वजन कम होना बीमारी के संकेत के बजाय उनके स्वास्थ्य में सुधार का प्रयास लगता है।बहुत शराब पीने और धूम्रपान करने वाले किम के परिवार के कई सदस्य हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित रहे हैं। उनके पिता और दादा की हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मौत हुई थी। विशेषज्ञों ने कहा है कि किम का अधिक वजन हृदय रोगों की आशंका को बढ़ा सकता है।
सियोल स्थित 'इंस्टीट्यूट ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज' के सेओ यू-सोक ने कहा कि उत्तर कोरिया में हाल में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के पहला सचिव पद बनाया है, जिस पर काबिज व्यक्ति देश में किम के बाद दूसरे नंबर होगा और इस पद का संबंध किम के स्वास्थ्य से जुड़ी संभावित समस्याओं से हो सकता है।
उन्होंने कहा कि किम ने भले ही शीर्ष अधिकारियों के आग्रह पर पद की स्थापना की अनुमति दी हो, लेकिन फिर भी उन्होंने किसी को नामित नहीं किया है, क्योंकि इससे सत्ता पर उनकी पकड़ ढीली हो सकती है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने देश में खाद्य संकट की आशंका को लेकर आगाह किया और लोगों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगायी पाबंदियों का समर्थन करने का आह्वान किया। किम ने चरमराती अर्थव्यवस्था को बचाने की राष्ट्रीय कोशिशों पर चर्चा के लिए एक प्रमुख राजनीतिक सम्मेलन में यह बात कही।उत्तर कोरिया की आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने कहा कि किम ने इस पर चर्चा का आह्वान किया कि उत्तर कोरिया को 'मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात' से कैसे निपटना चाहिए। हालांकि उसने किम द्वारा अमेरिका या दक्षिण कोरिया के बारे में की गई किसी भी टिप्पणी का जिक्र नहीं किया।
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सीमाएं बंद होने के कारण चीन से व्यापार रुकने और पिछली गर्मियों में बार बार तूफान तथा बाढ़ आने के कारण फसलें बर्बाद होने से उत्तर कोरिया की पहले से अस्थिर अर्थव्यवस्था और अधिक चरमा गयी है। उत्तर कोरिया में हालात का आकलन करने वाले पर्यवेक्षकों ने अभी भुखमरी के संकेत नहीं दिए हैं लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि परिस्थितियां इस ओर बढ़ सकती हैं।