जेद्दा : इजरायल-फलस्तीन के बीच जारी हिंसक टकराव पर रविवार को मुस्लिम देशों के संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की जेद्दा में आपात बैठक हुई। इस संगठन में 57 मुस्लिम देश शामिल हैं। बैठक में गाजा पट्टी के ताजा हालत पर गंभीर चिंता जताई गई। बैठक में सदस्य देशों ने अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायल की कार्रवाई की निंदा की लेकिन यहूदी देश के खिलाफ सदस्य देशों में मुखरता एवं एकजुटता नजर नहीं आई। कुछ देशों ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध कायम करने पर ओआईसी के सदस्य देशों पर निशाना साधा।
आपसी मतभेद फिर देखने को मिला
मुस्लिम हितों की बात करने वाले ओआईसी के सदस्य देश एकजुट होकर इजरायल पर तीखा हमला नहीं बोल सके। उनके विचारों में आपसी मतभेद एक बार फिर देखने को मिला। रिपोर्टें के मुताबिक फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद मलिकी ने बैठक की शुरुआत में इजरायल के हमले को 'कायरतापूर्ण' कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा, 'हमें अल्लाह को बताने की जरूरत है कि हम अंतिम दिन तक लड़ाई लड़ेंगे। हम लंबे समय से इस समस्या को झेल रहे हैं। फलस्तीनियों के खिलाफ बिना वजह अपराध किया गया है।'
तुर्की ने इजरायल को दी चेतावनी
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत काउसोगलू ने कहा, 'पूर्वी यरूशलम, वेस्ट बैंक और गाजा में ताजा तनाव बढ़ाने के लिए इजरायल अकेले रूप से जिम्मेदार है। हमने पिछले सप्ताह इजरायल को चेतावनी दी थी लेकिन उसने इसकी अनदेखी की।' इजरायल के साथ राजनयिक संबंध कायम करने वाले यूएई जैसे ओआईसी के सदस्य देशों पर निशाना साधते हुए तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि 'हममें से कुछ ऐसे देश हैं जो अपनी नैतिकता खो चुके हैं। ये देश इजरायल के समर्थन की बात करते हैं। हमारे परिवार में ही आधे-अधूरे मन की बात अगर होगी तो दूसरे देश हमें कैसे गंभीरता से लेंगे।'
अल-अक्सा मस्जिद को पवित्र स्थल बताया
रविवार को हुई इस वर्चुअल बैठक के बाद ओआईसी ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि 'अल-क़ुद्स (यरूशलम) और अल-अक्सा मुसलमानों के दो पहले किब्ला और तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद है। इस्लामी दुनिया के लिए यह एक लाल रेखा है और वहां कोई स्थिरता या सुरक्षा नहीं है सिवाय इसके कि उसे क़ब्ज़े से मुक्त कराया जाए। अगर इजरायल इस रेखा को पार करता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'
ओआईसी के सदस्य देशों के साथ इजरायल के राजनयिक संबंध
बीते एक साल में इजरायल के साथ ओआईसी के सदस्य देशों सूडान, मोरक्को, संयुक्त अरब अमीरात यूएई) और बहरीन ने अपने राजनयिक संबंध कायम किए हैं। फलस्तीन पर इजरायल की कार्रवाई के बाद इन देशों पर भी घरेलू दबाव बढ़ गया है। ओआईसी में इजरायल के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर तुर्की, पाकिस्तान और मलेशिया जैसे देश हैं। तुर्की खुलकर इजरायल की आलोचना तो कर रहा है लेकिन उसके भी तेल अवीव के साथ राजनयिक संबंध हैं। सऊदी अरब ने ताजा हिंसा की निंदा की है लेकिन वह खुलकर इजरायल के खिलाफ आवाज उठाने से बचता रहा है।