Corona Delta Variant:'दूसरे मुल्क आ सकते हैं तीसरी लहर की जद में, डेल्टा वैरिएंट के प्रसार का खतरा बढ़ा'

डेल्टा वैरिएंट ने जिस तरह से भारत में तबाही मचाई उसके असर से दुनिया के दूसरे देश भी प्रभावित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा वैरिएंट के प्रसार पर चिंता जताई है।

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कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रसार से विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित 
मुख्य बातें
  • डेल्टा वैरिएंट के प्रसार से विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वैक्सीन की दिशा में और काम करने की जरूरत
  • डेल्टा वैरिएंट के कहर का भारत सामना कर रहा है।

कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप विश्व में इस वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में प्रबल होता जा रहा है क्योंकि यह कहीं अधिक तेजी से संचारित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथ ने शुक्रवार को यह दावा किया।कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में सामने आया था।

दुनिया के 80 मुल्कों में डेल्टा वैरिएंट
डब्ल्यूएचओ द्वारा 15 जून को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट के मुताबिक डेल्टा स्वरूप अब करीब 80 देशों में पाया जा रहा है। बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप का सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में पता चला था।स्वामीनाथन ने शुक्रवार को जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि डेल्टा स्वरूप विश्व में कोविड-19 का सर्वाधिक प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है क्योंकि इससे कहीं अधिक तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है।

ब्रिटेन में 75 हजार से अधिक पर डेल्टा वैरिएंट का असर
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा था कि डेल्टा स्वरूप से संक्रमण में ब्रिटेन में एक सप्ताह में 33,630 की वृद्धि हुई और अभी तक 75,953 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। देश में कोविड-19 संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले इसी स्वरूप से हैं।वाशिंगटन में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की निदेशक रोशेल वेलेंस्की ने कहा कि उन्हें लगता है कि डेल्टा स्वरूप अमेरिका में सर्वाधिक लोगों को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस स्वरूप के रूप में उभरेगा।जिनेवा में स्वामीनाथन ने कहा कि कोविड-19 के अलग-अलग स्वरूपों के खिलाफ विभिन्न टीकों की प्रभाव क्षमता पर कहीं अधिक आंकड़े जुटाने की जरूरत है।

श्रीलंका में डेडली डेल्टा स्वरुप का कहर
श्रीलंका में अधिकारियों ने कहा है कि देश में समुदाय के भीतर कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप पहली बार पाया गया है।
श्री जयवर्धनपुरा विश्वविद्यालय में इम्युनोलॉजी एवं मॉलिक्यूलर मेडिसीन विभाग में एलर्जी इम्युनोलॉजी एवं सेल बायोलॉजी इकाई की निदेशक डॉ. चंदिमा जीवंदरा ने बताया कि वायरस का यह स्वरूप कोलंबो के उपनगर देमातागौड़ा के इलाके से लिए गए नमूनों में पाया गया है।

जीवंदरा ने बताया कि देमातागौड़ा से आठ नमूने लिए थे जिनमें पांच कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं। अलग-अलग पीसीआर जांच किट के जरिए हम वायरस के अलग-अलग स्वरूपों पर लगातार नजर रखते हैं। यह पहली बार है जब समुदाय में कोरोना वायरस का यह स्वरूप मिला है, इससे पहले दो लोग डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए थे लेकिन वे एक पृथक-वास केंद्र में थे।
विश्वविद्यालय की एक पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में पाए जा रहे अल्फा स्वरूप के मुकाबले डेल्टा स्वरूप 50 फीसदी अधिक संक्रामक है और यह अधिक गंभीर रोग करने में सक्षम है तथा टीके की एक खुराक इस पर बेअसर हो सकती है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)
 

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