पाक ने फिर साबित की अपनी 'नासमझी', उस राजदूत को वापस बुलाने का फरमान दिया जो है ही नहीं   

जिओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राजदूत मोईन-उल-हक तीन महीने पहले ही पेरिस छोड़ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हक को चीन का राजदूत बनाया गया है।

Pak parliament passes resolution to recall envoy, but has no ambassador in Paris
फ्रांस में पाक का राजदूत ही नहीं, पारित कर दिया वापसी का फरमान।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी आतंकवाद पर दिया है बयान
  • मैक्रों के बयान के खिलाफ पाकिस्तान में हो रहे प्रदर्शन, संसद में भी दिखा आक्रोश
  • पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अपना राजदूत वापस बुलाने का प्रस्ताव पारित किया

नई दिल्ली : खुद की किरकिरी कराने में पाकिस्तान कभी पीछे नहीं रहता। एक और ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पाकिस्तानी नेता उपहास के पात्र बने हैं। दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने इस्लामी आतंकवाद पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर नाराजगी जताते हुए  सोमवार को एक निंदा प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में पेरिस में मौजूद पाकिस्तानी राजदूत को वापस बुलाने की बात कही गई लेकिन बाद में पता चला कि फ्रांस में पाकिस्तान का कोई राजदूत ही नहीं है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी संसद की इस गफलत को खूब ट्रोल किया जा रहा है। यह घटना पाकिस्तानी राजनीतिकों की 'नासमझी' भी उजागर करती है।

पेरिस में अभी नहीं है पाकिस्तान का कोई राजदूत
दरअसल, नेशनल असेंबली ने प्रस्ताव तो पारित कर दिया लेकिन उसे यह नहीं पता था कि पेरिस में लंबे समय से उसका कोई राजदूत नहीं है। जिओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राजदूत मोईन-उल-हक तीन महीने पहले ही पेरिस छोड़ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हक को चीन का राजदूत बनाया गया है। चूंकि हक का तबादल चीन कर दिया गया है और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने उनके स्थान पर किसी नए राजदूत की नियुक्त नहीं की है। ऐसे में पेरिस में पाकिस्तान का अभी कोई राजदूत नहीं है। 

फिलहाल वरिष्ठ राजनयिक देख रहे कामकाज
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पेरिस दूतावास में मोहम्मद अजमद अजीज काजी डिप्टी हेड हैं और वरिष्ठ राजनियक होने के नाते फिलहाल वह दूतावास के कामकाज को देख रहे हैं। पेरिस में एक मुस्लिम युवक द्वारा एक टीचर का सिर कलम किए जाने की घटना के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्लामी आतंकवाद पर बयान दिया है। इस बयान पर विरोध जताने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में फ्रांस के राजदूत को तलब किया और अपनी नाराजगी जताई।    

पेरिस में हुई है टीचर की हत्या
पेरिस में बीते दिनों अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में छात्रों को बताने के लिए एक टीचर ने शार्ली हेब्दो द्वारा बनाए गए पैगंबर मोहम्मद के  कार्टूनों को दिखाया। इस पर एक मुस्लिम युवक ने सरेआम टीचर का सिर कलम कर दिया। इस घटना के खिलाफ फ्रांस सहित दुनिया भर में लोगों का आक्रोश देखने को मिला। खुद पेरिस में हजारों लोग टीचर के समर्थन में आए। यही नहीं पेरिस की कुछ इमारतों पर शार्ली हेब्दो के कार्टून प्रोजेक्टर से दिखाए गए। 

इमरान खान ने की है मैक्रों की आलोचना
इस्लामी आतंकवाद पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान की आलोचना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने की है। खान ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों का बयान समाज में विभाजन पैदा करने वाला है और इससे कट्टरवादी सोच को बढ़ावा मिलेगा। मैंक्रों के बयान के खिलाफ पाकिस्तानी जनता में गुस्सा देखने को मिला है। पाकिस्तान में फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग भी उठ रही है।

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