इमरान के नए पाकिस्तान में हिंदू लड़की का मंडप से अपहरण, धर्म परिवर्तन कर जबरन शादी कराई

पाकिस्तान के हाला शहर में एक हिंदू लड़की का शादी के मंडप से अपहरण किया गया और बाद में उसका धर्म परिवर्तन कराकर जबरन मुस्लिम युवक से शादी कराई गई। इसमें पुलिस भी अपहरण करने वालों के साथ थी।

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का शोषण 

नई दिल्ली: पाकिस्तान से हिंदुओं के साथ शोषण की एक और खबर आई है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हाल के दिनों में अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन हिंदू लड़कियों की शादी के कई मामले सामने आए हैं। रविवार को एक और मामला सामने आया।

'इंडिया टुडे' की खबर के कराची से लगभग 215 किलोमीटर दूर सिंध प्रांत में मटियारी जिले में स्थित शहर हाला में विवाह स्थल से स्थानीय पुलिस अधिकारियों की निगरानी में हमलावरों द्वारा एक 24 साल की हिंदू महिला का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया।

खबरों के अनुसार, लड़की को जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित किया गया और एक मुस्लिम युवक से उसकी शादी करा दी गई। पीड़िता की शादी एक हिंदू से होनी थी। अज्ञात हमलावरों ने कार्यक्रम स्थल से लड़की का अपहरण कर लिया। पीड़िता के पिता ने कहा, 'उनकी बेटी का विवाह समारोह चल रहा था, जब शाहरुख गुल नाम का अपहरणकर्ता पुलिसकर्मियों के साथ कई लोगों को लेकर आया और उनकी बेटी को दिनदहाड़े ले गया।'

बाद में पीड़िता के इस्लाम में धर्म परिवर्तन और शाहरुख गुल से शादी के दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए। दस्तावेजों के अनुसार, 1 दिसंबर, 2019 को उसका इस्लाम में धर्मांतरण हुआ। उसके विवाह प्रमाण पत्र उर्फ निकाह दस्तावेज से पता चलता है कि मुस्लिम व्यक्ति भी हाला का निवासी है। निसार अहमद का बेटा शाहरुख भी 24 साल का है।

पीड़िता के परिवार ने उसकी वापसी की मांग की है, उनका दावा है कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों की देखरेख और उपस्थिति में शाहरुख ने उसका अपहरण किया। दूसरी ओर कहा जा रहा है कि घटना से कम से कम एक महीने पहले लड़की ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और शादी कर ली थी।

यह भी दावा किया जा रहा है कि उसकी शादी की खबर से शाहरुख गुल पुलिस के पास गया और दावा किया कि वह उसकी पत्नी है और उसके माता-पिता गैर कानूनी तरीके से एक हिंदू व्यक्ति से उसकी शादी करा रहे हैं। 

अकाली दल के नेता मनजिंदर सिरसा ने भी इस मसले को ट्विटर पर उठाया और कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र तक लेकर जाना चाहिए।

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