Pakistan on CAB: लोकसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक तो पाकिस्‍तान ने दिया ऐसा रिएक्‍शन

दुनिया
Updated Dec 10, 2019 | 10:45 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Pakistan reacted on CAB: नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है, जिस पर विदेशों से भी प्रतिक्रिया आ रही है। पाकिस्‍तान के साथ-साथ अमेरिका ने भी इस पर रिएक्‍शन दिए हैं।

Pakistan on CAB: लोकसभा में पारित हुआ नागरिकता संशेधन विधेयक तो पाकिस्‍तान ने दिया ऐसा रिएक्‍शन
नागरिकता संशोधन विधेयक पर अब पाकिस्‍तान ने प्रतिक्रिया दी है (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL

इस्‍लामाबाद/वाशिंगटन: नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जहां देश की घरेलू राजनीति में राजनीतिक दल आमने-सामने हैं, वहीं विदेशों से भी इस पर प्रतिक्रिया आ रही है। खास तौर पर पाकिस्‍तान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे विभेदकारी और और पड़ोसी देशों के बीच अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों व सुरक्षा चिंताओं से जुड़े द्विपक्षीय समझौतों का उल्‍लंघन बताया है।

भारत में संसद के निचले सदन लोकसभा से इस विधेयक के भारी मतों से पारित होने के बाद पाकिस्‍तानी विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह मानवाधिकार के वैश्विक घोषणा-पत्र और अन्‍य कन्‍वेंशन का भी उल्‍लंघन करता है, जिसमें धर्म या आस्‍था के आधार पर सभी तरह की असमानताओं को समाप्‍त करने की बात निहित है।

अमेरिका की ओर से भी इस पर कमोवेश इसी तरह की प्रतिक्रिया आई है। अमेरिकी प्रतिनिधा सभा की विदेश मामलों की समिति ने इस संबंध में एक न्‍यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि धार्मिक बहुलवाद भारत और अमेरिका के साझा मूल्‍यों में से एक है और यह दोनों देशों की बुनियाद भी है। लेकिन नागरिकता के लिए धर्म को आधार बनाना लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को कमतर करना है।

यहां उल्‍लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक इन देशों से आए उन हिन्‍दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए।

नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार को भारी विरोध के बीच लोकसभा से पारित हो गया, जिसके पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि विरोध में केवल 80 वोट पड़े। सदन में उस वक्‍त 391 सदस्‍य मौजूद थे, जिन्‍होंने वोटिंग में हिस्‍सा लिया। अब इस विधेयक को राज्‍यसभा में पेश किया जाना है। इसके अमल में आने के लिए इसे राज्‍यसभा से भी पारित होना होगा, जहां एनडीए को इसके लिए कम से कम 123 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा।

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