'अफगानिस्तान छोड़कर मत जाइए', पाकिस्तान ने आखिर क्यों लगाई अमेरिका से गुहार   

अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना की वापसी होने के बाद वहां तालिबान (Taliban) का दबदबा बढ़ गया है। देश में शांति कायम करने के लिए तालिबान और अफगान सरकार के बीच बातचीत भी चल रही है।

Pakistan asks America not to abandon Afghanistan
अफगानिस्तान में तालिबान का दबदबा बढ़ गया है।   |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों की वापसी के बाद तालिबान-अफगान बलों में जारी है संघर्ष
  • देश में शांति कायम करने के लिए तालिबान और अफगान सरकार में बातचीत भी चल रही है
  • पाकिस्तान चाहता है कि अफगानिस्तान से अपना नाता पूरी तरह से खत्म न करे अमेरिका

नई दिल्ली : अमेरिका ने जब अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ने की घोषणा की तो पाकिस्तान (Pakistan) में जश्न जैसा माहौल देखा गया। तालिबान (Taliban) और पाकिस्तान के संबंधों को देखते हुए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं थी लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है, वह चौंकाने वाली है। दरअसल, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान (Pakistan) नहीं चाहता है कि अमेरिका का नाता अफगानिस्तान से पूरी तरह से खत्म हो। वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों की मौजूदगी चाहता है। पाकिस्तान को आशंका है कि अमेरिकी सैन्य बलों की पूरी तरह से वापसी हो जाने पर अफगानिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है।    

पाक के NSA-आईएसआई चीफ पहुंचे थे अमेरिका  
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डॉक्टर मोईद युसूफ और खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद पिछले सप्ताह वाशिंगटन पहुंचे थे। एनएसए और आईएसआई प्रमुख का यह दौरा काफी अहम माना गया है। खास बात यह है कि अमेरिकी और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच हुई इस बैठक को बहुत बढ़ाचढ़कर नहीं पेश किया गया लेकिन अब इस बैठक के बारे में बातें सामने आई हैं। 

अफगानिस्तान के भविष्य पर हुई चर्चा
'ट्रिब्यून डॉट कॉम' की रिपोर्ट के मुताबिक अपनी इस यात्रा के दौरान एनएसए और आईएसआई प्रमुख वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों से मिले। इस बैठक के बारे में केवल एक बयान अमेरिकी एनएसए जेके सुलिवन की ओर से ट्विटर पर जारी किया गया।  रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी और पाकिस्तानी अधिकारियों की बैठक में अफगानिस्तान के भविष्य पर गंभीर बातचीत हुई। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एनएसए और आईएसआई प्रमुख ने पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ने पर अमेरिकी अधिकारियों को चेताया। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से अमेरिकी अधिकारियों से कहा गया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का पूरी तरह से निकल जाना ठीक नहीं होगा। 

समाधान निकलने तक अमेरिका की मौजूदगी चाहता है पाक 
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि अमेरिकी सेना की पूरी तरह से वापसी हो जाने पर अफगानिस्तान में अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों को एक बार फिर से एकुजट होने और उन्हें अपना सिर उठाने का मौका देगा। यह स्थिति क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी खतरा बनेगी। रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान के लिए रास्ता निकालने तक पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिका अपनी भूमिका अफगानिस्तान में कायम रखे। पाकिस्तान को आशंका है कि अमेरिकी की पूरी तरह से वापसी होने जाने पर अफगानिस्तान में गृह युद्ध छिड़ सकता है। इस बात की ओर प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही इशारा कर चुके हैं।  

90 फीसदी अमेरिकी और नाटो सुरक्षाबलों की हुई वापसी
अफगानिस्तान से करीब 90 फीसदी अमेरिकी और नाटो सुरक्षाबलों की विदाई हो गई है। अमेरिकी सेना की वापसी ने अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का मौका दिया है। देश के एक बड़े भूभाग खासकर जिलों पर उसका नियंत्रण हो गया है। अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच संघर्ष भी चल रहा है। देश में शांति कायम करने के लिए तालिबान और अफगान सरकार के बीच कतर की राजधानी दोहा में कई दौर की वार्ताएं भी चली हैं लेकिन ये बातचीत बेनतीजा रही हैं। 

तालिबान-अफगान सरकार में दोहा में हुई वार्ता
अफगानिस्तान से अमेरिका सेना की वापसी और तालिबान के बढ़ते दबदबे को देखते हुए इस देश के भविष्य को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। तालिबान पर पाकिस्तान के प्रभाव को देखते हुए यह आशंका बनी हुई है कि इस चरमपंथी संगठन के जरिए इस्लामाबाद वहां भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ा और भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की इस घोषणा के बाद कि 11 सिंतबर (9/11) से पहले अमेरिकी सैन्य बलों की अफगानिस्तान से पूर्ण रूप से वापसी हो जाएगी, पाकिस्तान में जश्न का माहौल देखा गया।   

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