Rafale से डर गया पाकिस्‍तान! चीन से खरीदे 25 J-10C लड़ाकू विमान

पाकिस्‍तान ने चीन से J-10C लड़ाकू विमानों की पूरी स्‍कवाड्रन खरीदी है, जिसे चीन के सर्वश्रेष्‍ठ लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। समझा जाता है कि भारत द्वारा फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के जवाब में पाकिस्‍तान से ये विमान खरीदे हैं।

Rafale से डर गया पाकिस्‍तान! चीन से खरीदे 25 J-10C लड़ाकू विमान
Rafale से डर गया पाकिस्‍तान! चीन से खरीदे 25 J-10C लड़ाकू विमान  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

इस्लामाबाद : फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की कई खेप बीते एक साल में भारत पहुंची है, जिससे पाकिस्‍तान के साथ-साथ चीन में भी बेचैनी है। राफेल विमानों की पहली खेप जब भारत पहुंची थी तो पाकिस्‍तान में इसके बारे में इंटरनेट पर खूब तलाशा गया था। अब पाकिस्‍तान अपनी वायुसेना को और सशक्‍त बनाने के लिए चीन की ओर मदद के लिए देख रहा है, जहां से उसने 25 J-10C लड़ाकू विमानों की पूरी स्‍कवाड्रन खरीदी है।

समझा जा रहा है कि पाकिस्‍तान ने यह खरीद भारत द्वारा फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद और उसकी खेप पहुंचने के बाद की है। पाकिस्तान ने चीन से 25 बहुउद्देश्यीय J-10C लड़ाकू विमानों की एक पूरी स्क्वाड्रन खरीदी है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने बुधवार को इसकी जानकारी दी और बताया कि पूरा स्क्वाड्रन अगले साल 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस समारोह में शामिल होगा।

This photograph provided by the Indian Air Force shows a Rafale fighter jet after it landed at Air Force Station in Ambala, India, Wednesday, July 29, 2020. A first batch of five French-made Rafale fighter jets arrived at an Indian air force base on Wednesday, Indian officials said. (Indian Air Force via AP)

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J-10C की गिनती चीन के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में होती है

J-10C की गिनती चीन के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में होती है, जिसमें हर प्रकार के मौसम में उड़ान भरने की क्षमता है। हालांकि राफेल को इससे कहीं अधिक उन्‍नत क्षमता का लड़ाकू विमान बताया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, राफेल लड़ाकू विमानों में जहां चीन के J-10C के मुकाबले शॉर्ट-रेंज मिसाइल के जरिये अधिक दूरी तक सटीक मार करने की क्षमता है, वहीं AESA रडार और मीटियर मिसाइल का कॉम्बिनेशन भी है, जो इसे और उन्‍नत बनाता है।

चीन से लड़ाकू विमान J-10C की एक पूरी स्‍क्‍वाड्रन खरीदने के बाद पाकिस्‍तान भले ही अपनी ताकत में इजाफे का दम भर रहा हो, पर इसका विरोध मुल्‍क में ही शुरू हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सांसद अफनान उल्लाह खान ने इसे राफेल से कमतर बताते हुए चीन से इसकी खरीद के इमरान खान सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे। उन्‍होंने हाल ही में एक ट्वीट में भी कहा था कि चीन के ये लड़ाकू विमान राफेल से बेहतर नहीं हैं।

This photograph shared by Indian Defence Minister Rajnath Singh in Twitter shows Rafale fighter jets escorted by Indian Air Force Sukhoi Su-30 MKI fighter jets as they enter the Indian airspace Wednesday, July 29, 2020. A first batch of five French-made Rafale fighter jets arrived at an Indian air force base on Wednesday, Indian officials said.(Twitter via AP)

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भारत ने मार ग‍िराया था F-16

पाकिस्‍तानी वायुसेना की बात करें तो इसके पास अमेरिकी F-16 श्रेणी के लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा भी मौजूद है, जिसे उन्‍नत किस्‍म का लड़ाकू विमान समझा जाता है। लेकिन बालाकोट एयरस्‍ट्राक के बाद पाकिस्‍तानी वायुसेना के विमानों ने जब भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की थी तो भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने इसी श्रेणी के विमान को मार गिराया था, जिसके बाद से माना जा रहा है कि पाकिस्‍तानी नेतृत्‍व में अपनी वायु क्षमता के विस्‍तार को लेकर एक तरह की बेचैनी थी।

भारत को फ्रांस से मिले राफेल लड़ाकू विमानों की बात करें तो दोनों देशों के बीच इसके लिए साल 2016 में 59 हजार करोड़ रुपये की एक डील हुई थी, जिसके तहत भारत को 36 लड़ाकू विमान मुहैया कराए जाने थे। भारत को अब तक फ्रांस से 26 लड़ाकू विमान मिल चुके हैं और अन्‍य विमानों की खेप जल्‍द ही भारत पहुंचने की उम्‍मीद है। फ्रांस से भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप जुलाई 2020 में मिली थी, जिसके बाद पाकिस्‍तान और चीन की नजरें इस पर लगातार बनी हुई हैं।

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