जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनाव की सुगबुगाहट, PM मोदी के साथ बैठक के लिए J&K के नेताओं को मिला न्‍यौता तो बौखलाया PAK

जम्‍मू कश्‍मीर के 14 नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसके बाद पाकिस्‍तान में बौखलाहट है।

कश्‍मीर में चुनाव की सुगबुगाहट, PM मोदी के साथ बैठक के लिए 14 नेताओं को मिला न्‍यौता तो बौखलाया PAK
कश्‍मीर में चुनाव की सुगबुगाहट, PM मोदी के साथ बैठक के लिए 14 नेताओं को मिला न्‍यौता तो बौखलाया PAK  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • जम्‍मू-कश्‍मीर के 14 नेताओं को पीएम मोदी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है
  • भारत सरकार से J&K के नेताओं को मिले आमंत्रण के बाद पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है
  • पीएम मोदी की अध्‍यक्षता में होने वाली इस शीर्ष बैठक में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे

नई दिल्‍ली/इस्लामाबाद : जम्‍मू कश्‍मीर के 14 नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में होने वाली एक शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह बैठक 24 जून को होनी है, जिसे लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसे दो साल पहले जम्‍मू कश्‍मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद वहां पहली बार विधानसभा चुनाव कराने की रूपरेखा तय करने से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत में इसे लेकर सियासी चर्चाओं के बीच पाकिस्‍तान में इसे लेकर बौखलाहट देखी जा रही है।

पीएम के साथ बैठक के लिए जम्‍मू कश्‍मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किए जाने के बाद पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बौखलाहटभरे अंदाज में कहा कि पाकिस्‍तान, कश्मीर के विभाजन और उसकी जनसांख्यिकी बदलने के भारत के किसी भी कदम का विरोध करेगा। पाकिस्‍तान ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित अन्‍य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी भारत के संभावित कदमों को लेकर अवगत कराया गया है।

इन नेताओं को मिला है न्‍यौता

कुरैशी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि जम्‍मू कश्‍मीर के 14 नेताओं को पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया है। जम्‍मू कश्‍मीर के जिन नेताओं को पीएम मोदी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, उनमें चार पूर्व मुख्‍यमंत्री- नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त जम्‍मू कश्‍मीर के चार पूर्व उपमुख्यमंत्रियों- कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग और बीजेपी नेता निर्मल सिंह तथा कवींद्र गुप्ता को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।

सीपीएम नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (JKAP) प्रमुख अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, बीजेपी नेता रवींद्र रैना और पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। जिन नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है, वे आठ राजनीतिक दलों - नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीडीपी, बीजेपी, कांग्रेस, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी, सीपीएम, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के हैं। पीएम मोदी के साथ जिस शीर्ष बैठक के लिए इन नेताओं को आमंत्रित किया गया है, वह 24 जून को अपराह्न 3 बजे प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली है।

दिसंबर/मार्च में होंगे चुनाव!

यहां उल्‍लेखनीय है कि जम्‍मू कश्‍मीर को लेकर बड़ा फैसला केंद्र सरकार ने 5 अगस्‍त, 2019 को लिया था, जब इसके विशेष राज्‍य का दर्जा समाप्‍त करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद यहां विभिन्‍न दलों के नेताओं के साथ केंद्र की यह इस तरह की पहली बैठक होगी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भी भाग लेने की संभावना है। बैठक में शामिल होने के लिए सभी नेताओं से कोविड​​-19 नेगेटिव सर्टिफिकेट के साथ आने के लिए कहा गया है।

जम्‍मू कश्‍मीर मेंर नवंबर 2018 से केंद्र का शासन है। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार यहां जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने के पक्ष में है। यह इस साल दिसंबर में या अगले साल मार्च में होने की संभावना है।

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