Galwan Valley Violence: गलवान में चीनी सैनिकों के मारे जाने की असलियत आई सामने! एक्सपर्ट ने खोली पोल

Galwan Valley Violence News: गलवान में हिंसा के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा यथास्थिति का बदलाव कर रहे थे।

Pic of tombstone of chinese soldier who allegedly died in galwan valley circulated on weibo
गत 15 जून को हुई गलवान घाटी में हिंसा।  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प
  • इस हिंसा में भारत के 20 सैनिक हुए शहीद, चीनी सैनिक भी हुए हताहत
  • चीन ने आज तक अपने सैनिकों के हताहत होने के बारे में जानकारी नहीं दी है

नई दिल्ली : गलवान घाटी में गत 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई और इस हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। कई मीडिया रिपोर्टों में चीनी सैनिकों के मारे जाने का भी दावा किया गया लेकिन चीन ने कभी भी आधिकारिक रूप से यह नहीं माना कि इस संघर्ष में उसके सैनिक हताहत हुए। इस बीच एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि संघर्ष में जान गंवाने वाले एक चीनी सैनिक के कब्र की तस्वीर सोशल मीडिया वीबो पर वायरल हुई है। बताया जा रहा है कि यह कब्र 'चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष' में मारे गए 19 साल के एक जवान की है।  

एक्सपर्ट ने किया ट्वीट
चीन की विदेश एवं सुरक्षा नीति के जानकार एम टेलर फ्रावेल ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। 19 साल के एक चीनी सैनिक के कब्र की तस्वीर के नीचे लिखा है कि यह सैनिक जून 2020 में 'चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष' के दौरान मारा गया। यह सैनिक चीन के फुजियान प्रांत का था। कब्र वाली तस्वीर में सैनिक के यूनिट का नंबर 69316 दिया गया है।' एक्सपर्ट का कहना है, 'ऐसा लगता है कि यह गलवान घाटी के उत्तर में चिप चाप नदी घाटी के समीप तियेवेनदियान में एक सीमा सुरक्षा कंपनी है।'

मीडिया रिपोर्टों में चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा
गलवान घाटी की हिंसा के बाद अमेरिकी रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इस संघर्ष में करीब 35 से 40 चीनी सैनिक हताहत हुए। चीन के सरकारी मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने भी गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हताहत होने की बात स्वीकार की लेकिन चीन ने कभी भी आधिकारिक रूप से यह नहीं माना कि उसके सैनिक मारे गए।

चीन के रिटायर्ट सैनिकों ने की आलोचना
चीन के बारे में कहा जाता है कि वह अपनी नीति के चलते अपने सैनिकों के हताहत होने के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करता। हालांकि, चीन में इस नीति को लेकर रिटायर हो चुके सैनिक अपना आक्रोश भी जाहिर कर चुके हैं। पूर्व सैनिकों का कहना है कि भारत ने जिस तरह से अपने शहीद सैनिकों को सम्मान दिया उसी तरह चीन को भी अपने सैनिकों का भी आदर करना चाहिए। 

सीमा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी
गलवान में हिंसा के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा यथास्थिति का बदलाव कर रहे थे जिसका भारत के सैनिकों ने विरोध किया। भारत ने चीन को दो टूक शब्दों में कहा है कि वह अपनी क्षेत्रीय एकता एवं राष्ट्रीय संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। गतिरोध दूर करने एवं सीमा पर सौहार्द बहाल करने के लिए सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकला है। 

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