झूठ और छल की राजनीति दफन हुई, पाकिस्तान के लोग जीत गए, शहबाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

क्रिकेटर से पाकिस्तान के पीएम बने इमरान खान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए ने  नेशनल असेंबली को भंग करने के फैसले को खारिज कर दिया। अब उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। इस फैसले पर प्रतिपक्ष के नेता इस तरह प्रतिक्रिया दी।

Politics of lies and deceit was buried, people of Pakistan won, Shehbaz Sharif reacted on Supreme Court decision
पाक लीडर ऑफ अपोजिशन शहबाज शरीफ 

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द कर दिया। अब पाक पीएम इमरान खान को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लीडर ऑफ अपोजिशन शहबाज शरीफ ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज झूठ, छल और आरोपों की राजनीति दफन हो गई है। पाकिस्तान के लोग जीत हुई। 

शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है! उन सभी को मुबारक जिन्होंने संविधान की सर्वोच्चता के लिए समर्थन दिया। बचाव और अभियान चलाया। आज झूठ, छल और आरोपों की राजनीति दफन हो गई है। पाकिस्तान के लोग जीत गए ! भगवान पाकिस्तान को भला करे।

गौर हो कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सूरी ने तीन अप्रैल को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सूरी ने दावा किया था कि यह सरकार को गिराने के लिए विदेशी साजिश से जुड़ा है और इसलिए यह विचार योग्य नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के कुछ देर बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था।

इसके बाद पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने असेंबली भंग करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने संसद को भंग करने को भी सर्वसम्मति से असंवैधानिक घोषित कर दिया। पीठ ने संसद को बहाल किया और प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह को असंवैधानिक घोषित कर दिया। कोर्ट ने स्पीकर को 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके।

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शहबाज ने कहा कि देशद्रोही करार दिए जाने के बाद विपक्षी नेता कैसे चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने फैसला अदालत पर छोड़ दिया, लेकिन आग्रह किया कि कानून के शासन का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि "देशद्रोही कहे जाने के बाद हम अपने परिवारों का भी सामना नहीं कर सकते। शहबाज का इशारा डिप्टी स्पीकर के उस फैसले की ओर था कि अविश्वास प्रस्ताव को तथाकथित "विदेशी साजिश" से जोड़ा गया था। अदालत के डिप्टी स्पीकर के खिलाफ फैसले के साथ ही, अब संभावना है कि संसद फिर से आहूत की जाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन कराया जाएगा।

विभिन्न पक्षों की ओर से पेश प्रमुख वकीलों के अलावा, अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष और मुख्य विपक्षी नेता शहबाज शरीफ को भी बुलाया था। अदालत ने उनसे नेशनल असेंबली को भंग किये जाने और चुनाव घोषित किए जाने के कारण अनिश्चितता के मद्देनजर आगे के रास्ते पर उनका विचार पूछा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की ओर से बाबर अवान, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लिए रज़ा रब्बानी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के लिए मखदूम अली खान पेश हुए।

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