टोक्यो : चीन के साथ तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत नियम आधारित विश्व व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता के सम्मान तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है। 'क्वाड' देशों की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान उन्होंने मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत भी की, जहां चीन का दखल पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रहा है। हालांकि इस क्रम में उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया।
'क्वाड' चार देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। इसकी पहली मंत्रिस्तरीय बैठक 2019 में न्यूयॉर्क में हुई थी, वहीं दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक टोक्यो में हो रही है। इसमें चर्चा का मुख्य विषय हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता है। बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि यह अवसर दर्शाता है कि महामारी के कारण पैदा हुई विभिन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए किस तरह समान सोच वाले देशों को मिलकर समन्वित कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, 'हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जताई है। हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो। हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है। यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है।'