क्‍या अपनी सांस्‍कृतिक पहचान बदल रहा पाकिस्‍तान? तुर्की के शो, इमरान खान की पसंद पर उठ रहे सवाल

Pakistan News: पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान ने पिछले दिनों तुर्की के टीवी शो को लेकर अपनी पसंदगी जाहिर की थी और इसे 'असली इस्लामी तहजीब' वाला करार देते हुए बच्‍चों, नौजवानों को देखने के लिए प्रेरित किया था।

क्‍या अपनी सांस्‍कृतिक पहचान बदल रहा पाकिस्‍तान? तुर्की के शो, इमरान खान की पसंद पर उठ रहे सवाल
क्‍या अपनी सांस्‍कृतिक पहचान बदल रहा पाकिस्‍तान? तुर्की के शो, इमरान खान की पसंद पर उठ रहे सवाल  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों ऐतिहासिक कहानी पर आधारित टीवी धारावाहिक 'दिरिलिस: एर्तुग्रुल' की जमकर तारीफ की थी। उन्‍हें यह शो इतना पसंद आया कि उन्‍होंने इसका उर्दू संस्‍करण तैयार करने की सलाह भी दे डाली। टीवी के दीवानों के लिए यह नई बात थी कि उनके प्रधानमंत्री इस तरह की कोई सलाह दें। इसे भारत की नकल के तौर पर देखा गया, जहां लॉकडाउन के दौरान लोकप्रिय धारावाहिक रामायण और महाभारत शुरू किए गए हैं। हालांकि इमरान के नजरिये पर अब खुद पाकिस्‍तान में ही सवाल उठने लगे हैं।

इमरान को पसंद आया ये शो
इमरान खान ने यह कहते हुए इस टीवी सीरियल को बच्‍चों, नौजवानों को देखने के लिए प्रेरित किया था कि वे 'असली इस्लामी तहजीब' को समझ सकें। अक्‍सर 'साझा इस्लामी इतिहास' की बात करने वाले इमरान खान ने जब इस सीरियल की तारीफ की तो यह ऐतिहासिक-रोमांचक शो के दीवानों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया, जिसमें ओटोमन साम्राज्य की कहानी दर्शाई गई है। यह 12वीं सदी के ओगुज तुर्क एर्तुग्रुल के जीवन पर आधारित है, जिसके बेटे उस्मान गाजी ने ओटोमन साम्राज्य की स्थापना की थी।

क्‍या सांस्‍कृतिक आयात कर रहा PAK?
यह टीवी शो मंगोलों, ईसाइयों, अनातोलिया में नाइट टेंपलरों (धार्मिक सेनापतियों) पर हमले करने वाले मुस्लिम ओगुज तुर्कों की बहादुरी बयां करता है। ऐस में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या इमरान खान दक्षिण एशिया से जुड़ी जड़ों को समाप्‍त कर पाकिस्‍तान की संस्‍कृति का रुख मध्‍य-पूर्व व अरब जगत की ओर करना चाहते हैं? इमरान खान के कदम पर यहां के कलाकार भी सवाल उठा रहे हैं, जिनका कहना है कि अपने देश के कलाकारों और यहां के नेशनल हीरो को आगे बढ़ाने की बजाय वजीर-ए-आजम तुर्की के सीरियल की तारीफ कर एक तरह से 'सांस्‍कृतिक आयात' कर रहे हैं।

लोगों ने दिए ऐसे रिएक्‍शन
एक्‍टर शान शाहिद सहित कई लोगों ने इस पर चिंता जताई है। स्‍थानीय कलाकारों की बड़ी संख्‍या है, जो सरकार के इस रवैये से खुश नहीं हैं। वहीं पाकिस्‍तान में इस सीरियल को देखने के बाद लोगों में एक अलग तरह की प्रतिक्रिया भी आ रही है। ऐसा लगता है कि इस सीरियल को देखने वाले पाकिस्‍तानियों ने एर्तुग्रुल के इतिहास को दिल से कबूल कर लिया है और यकीन करने लगे हैं कि 12वीं सदी के तुर्क उनके ही लोग थे। वे इंस्‍टाग्राम पर इसके कलाकारों को नसीहत दे रहे हैं कि उन्‍हें इस्लामिक तौर-तरीके अपनाते हुए उसके अनुसार ही व्‍यवहार करना चाहिए।

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