चीन के वूहान से चला घातक कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पांव पसारता जा रहा है। सिर्फ चीन की बात करें तो यहां अब तक 3042 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 80,552 है। कोरोना वायरस चीन के वूहान से फैला लेकिन अब चीन इस बात को सिरे से खारिज कर रहा है। चीन में इस बीमारी से अब तक तीन हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं लेकिन उसका कहना है कि जरूरी नहीं कि कोरोना का वायरस उसकी ही जमीन से फैला हो।
चंद दिनों पहले आया चीन का यह बयान समझ से परे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कोरोना वायरस चीन से फैला है लेकिन यह अतार्किक और गैर-जिम्मेदाराना बयान है। चीन सरकार को इस तरह की खबरों पर कड़ा ऐतराज है। उनके मुताबिक हमारे वैज्ञानिक इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि यह पता चले कि यह वायरस कहां से पनपा। हालांकि इस संबंध में अभी ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है।
पहला सवाल?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर ये वायरस चीन से नहीं फैला तो फिर यह कहां से आया। हाल के दिनों में चीन में कोरोना वायरस से संक्रमण और इस बीमारी से होने वाली मौतों में कमी पाई गई है जबकि अन्य देशों में कोरोना वायरस का प्रसार तेजी के साथ हुआ है। कोरोना वायरस पर दूसरे देशों से आने वाली खबरों को पेश कर चीन अपनी दलील को सही ठहराने में लगा है। अब वह कहने लगा है कि चीन में कोरोना वायरस से मौतें कम हुई हैं। हालांकि ये खुशी खुले रूप से जाहिर नहीं की जा रही है लेकिन खबर लिखने के लिए जिन शब्दों का चयन किया जा रहा है वे इस बात की तस्दीक करते हैं।
चीन को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि सिर्फ दो महीने में इस वायरस की चपेट में उसके तीन हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया कि चीन ने अपने देश में रहने वाले देशी-विदेशी संक्रमित लोगों को बाहर जाने दिया ताकि ये रोग दूसरे देशों में फैले क्योंकि अब तक पश्चिमी मीडिया ने चीन में इस रोग के फैलने पर कड़ी नजर बनाई हुई थी और उसकी खिंचाई कर रही थी। यह भी कहा जा रहा है कि चीन ने पश्चिमी मीडिया का ध्यान अपने देश से हटाने के लिये ऐसा किया है, लेकिन इस बारे में दावे के साथ कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
दूसरा सवाल?
इस मामले से जुड़ा दूसरा पहलू यह भी है कि 2019 में अक्टूबर के महीने में चीन के वूहान में वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स हुए थे जिनमें हिस्सा लेने के लिए अमेरिका भी शामिल हुआ था लेकिन इन खेलों में अमेरिका 35वें स्थान पर था। चीन में लोग दबी जुबान से ये कह रहे हैं कि अमेरिका ने खेलों में बेहतर प्रदर्शन इसलिए नहीं किया क्योंकि उसका ध्यान कहीं और था। ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिकी सैनिकों ने चुपके से वायरस जिसे वो अपने साथ अमेरिका से लाए थे वूहान के उसी बाजार में छोड़ दिया जहां से तथाकथित रूप से इस बीमारी के फैलने की बात कही जा रही है। लेकिन इस बात की सच्चाई का पता किसी को नहीं है यह बात कोरी अफवाह भी हो सकती है। कुछ हल्कों में यह भी बातें चल रही है कि चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिकी अर्थव्यवस्था के करीब पहुंच रही है तो यह माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन की आर्थिक रफ्तार को रोकने के लिए पहले हांगकांग में असंतोष और फिर वूहान में वायरस का कहर फैलाया। लेकिन ऐसी बातों की तस्दीक काफी मुश्किल है।
तीसरा सवाल?
यह बात चर्चा में है कि चीन के वूहान में और दूसरे कई शहरों में ऐसे तमाम मरीज हैं जिन्हें अस्पतालों ने भर्ती करने से मना कर दिया और उनकी कोरोना वायरस से मौत हो गई। ऐसे लोगों की आवाज उठाने के लिए तीन लोगों ने वीडियो बनाना शुरू किया और वीडियोज को यूट्यूब पर डालना शुरू किया लेकिन इस घटना के बाद से ये तीनों चीनी व्यक्ति लापता हैं और इनके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। इसके अलावा कुछ दूसरे लोगों के वीडियो भी सामने आ रहे हैं जिनमें वे अपनी सरकार से वायरस की रोकथाम करने को लेकर बहुत दुखी और असंतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि एक महिला का वीडियो सामने आया है जिसने अपने पति को कोरोना वायरस की वजह से खो दिया है और वो भी चीन सरकार के इस रवैये से बेहद नाराज है।