Russia-Ukraine War:रूस-यूक्रेन युद्ध में जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वह अब होने लगा है। रूस ने यूक्रेन के सबसे बड़े परमाणु प्लांट जपोररिजिया पर हमला कर दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार प्लांट के एक हिस्से में आग लग गई है। और अगर इस बमबारी में प्लांट पूरी तरह से तबाह हो जाता है, तो बहुत बड़ा परमाणु हादसा हो सकता है। जो कि दुनिया के अब तक के सबसे बड़े न्यूक्लियर हादसे (चेर्नोबिल ) से भी बड़ा हो सकता है। जिससे एक झटके में लाखों लोग शिकार हो सकते हैं। इस खतरे की आशंका यूक्रेन के विदेश मंत्री डिमित्रो ने जता दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अगर काबू पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया तो चेर्नोबिल से 10 गुना बड़ा हादसा हो सकता है।
यही नहीं यूक्रेन में जपोरिजिया प्लांट जैसे 15 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। और रूस के रूख को देखते हुए ऐसा लगता है कि अब सभी न्यूक्लियर प्लांट खतरे में हैं। अगर इन प्लांट पर भी हमला होता है तो निश्चिच तौर पर पूरी दुनिया एक बहुत बड़ी त्रासदी देखेगी।
चार शहरों में यूक्रेन में 15 न्यूक्लियर रिएक्टर
वर्ल्ड न्यूक्लियर रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में पर 15 एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। जबकि 6 सक्रिय नहीं है और 4 को बंद कर दिया गया है।यूक्रेन की 50 फीसदी बिजली की आपूर्ति 15 एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर से होती है। रूस के हमले को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) भी पहले ही परमाणु रिएक्टर की सुरक्षा को लेकर चिंता जता चुकी है। अब चुके जपोरिजिया प्लांट हमला हो चुका है। तो दूसरे प्लांट पर भी खतरा मंडरा रहा है। मौजूदा समय में जपोरिजिया, साउथ यूक्रेन, खेमलेनटिस्की, रिवने में एक्टिव न्यूक्लियर प्लांट हैं।
क्या था दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हादसा
रूस इसके पहले बंद पड़े चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट को कब्जे में ले चुका है। और यूक्रेन ने अंदेशा जताया था कि रूस के कब्जे के बाद से प्लांट से कहीं ज्यादा रेडिएशन हो रहा है। अप्रैल 1986 में इसी चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में सुरक्षा खामियों की वजह से एक बड़ा परमाणु हादसा हुआ था। जिसमें करीब 4000 हजार लोगों की मौत का अंदेशा जताया गया था। हालांकि गैर आधिकारिक आंकड़ों में मरने वालों की संख्या कई गुना होने की आशंका जताई जाती है। चेर्नोबिल प्रिपयेत शहर में मौजूद है। और इस हादसे के बाद से प्रिपयेत शहर पूरी तरह से तबाह हो गया था।
इस हादसे में चेर्नोबिल प्लांट के चौथे रिएक्टर में खराब सुरक्षा परीक्षण के बाद एक बड़ा परमाणु हादसा हुआ था। उस समय यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा था। हादसे के दौरान प्लांट की छत फट गई थी। लेकिन इस हादसे को शुरूआत में छिपाया गाय। जिसकी वजह से करीब डेढ़ दिन बाद लोग शहर से बाहर निकल पाए। और पूरे शहर में परमाणु विकिरण फैल गया। और नतीजा यह हुआ कि एक जीत-जागता शहर मरे हुए शहर में तब्दील हो गया। इसीलिए प्रिपयेत को मरा हुआ शहर भी कहा जाता है। जहां पर घर, फैक्ट्रियां, स्कूल के खेल के मैदान सब उजड़ चुके हैं। और कहा जाता है कि परमाणु विकिरण की वजह से अब यह शहर हजारों साल तक नहीं बस सकता है।
'जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट उड़ा तो चेर्नोबिल से 10 गुना ज्यादा विनाशकारी हो जाएगा रेडिएशन'