'भारत-चीन को बाहर से मदद नहीं चाहिए, दोनों सक्षम'; रूस ने स्पष्ट किया अपना रूख

दुनिया
लव रघुवंशी
Updated Jun 23, 2020 | 16:31 IST

Russia on Indo-China border dispute: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर रूस ने कहा है कि दोनों देश विवाद सुलझाने में सक्षम हैं। दोनों देशों को किसी बाहरी की जरूरत नहीं है।

Russian Foreign Minister Sergei Lavrov
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 
मुख्य बातें
  • भारत-चीन सीमा विवाद पर रूस ने बड़ा बयान दिया है
  • भारत-चीन शांतिपूर्ण तरीके से विवाद को सुलझाने के पक्ष में: रूस
  • सीमा विवाद के बीच भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर रूस ने अपना पक्ष रखा है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि दोनों देश विवाद खत्म करने में सक्षम हैं, दोनों को किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं है। लावरोव ने RIC (रूस-भारत-चीन) विदेश मंत्रियों की बैठक में ये बयान दिया।  

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को बाहर से कोई मदद चाहिए। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मदद करने की आवश्यकता है। वे मुद्दों को अपने दम पर हल कर सकते हैं, इसका मतलब है हाल की घटनाएं। नई दिल्ली-बीजिंग ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने रक्षा अधिकारियों, विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठकें शुरू कीं हैं और दोनों पक्षों में से किसी ने भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे यह संकेत मिले कि उनमें से कोई भी गैर-कूटनीतिक समाधान चाहेगा।' 

उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहेगी और वे विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस बैठक में शामिल हुए। रूस के विदेश मंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर हैं। 



तनाव कम करने पर बनी चीन और भारत के बीच सहमति

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच 'लंबित मुद्दों' पर सहमति बन गई है और वे अपनी सीमाओं पर स्थिति को शांत करने के लिये आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार हैं। दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को भारतीय सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के बीच करीब 11 घंटे तक बातचीत हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने बताया, 'यह बैठक दर्शाती है कि दोनों पक्ष स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिये नियंत्रित व शांत करना चाहते हैं।

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