संयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन को लेकर गहराते वैश्विक संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें अमेरिका ने रूस पर तीखे हमले किए और उससे आश्वासन मांगा कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा तो रूस ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वास्तव में 'पश्चिमी देश युद्ध चाहते हैं।' सुरक्षा परिषद के इस विशेष सत्र में भारत भी शामिल हुआ, जिसने सभी पक्षों से शांति की अपील करते हुए यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा का मसला उठाया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जबकि रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा से अपने सैनिकों को हटाने की रिपोर्ट्स के बावजूद अमेरिका और NATO लगातार रूस पर दुनिया को बरगलाने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि रूस की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है और सैनिकों की तैनाती अब भी 'खतरनाक स्तर पर बनी हुई है।' अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को एक बार फिर कहा है कि रूस 'आने वाले दिनों में किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है।' इन सबके बीच अब अमेरिका ने रूस से आश्वासन मांगा है कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा।
यूक्रेन पर रूस ने दुनिया को गुमराह किया? NATO का बड़ा आरोप- हम गंभीर खतरे का सामना कर रहे
संयुक्त राष्ट्र के सत्र को संबोधित करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए केवल कूटनीति ही एक जिम्मेदार रास्ता हो सकता है और इसके लिए जरूरी है कि मिंस्क समझौते का पालन हो। रूस आज घोषणा कर सकता है कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा। इस बारे में उसे दुनिया को सीधे व साफ शब्दों में बताना चाहिए और फिर अपने सैनिकों को बैरकों, हैंगर्स में वापस बुलाकर तथा राजनयिकों को बातचीत की टेबल पर भेजकर अपने इन इरादों को प्रदर्शित भी करना चाहिए।
वहीं, रूस की ओर से इस पर तल्ख प्रतिक्रिया दी गई। सुरक्षा परिषद में रूसी राजनयिक ने कहा कि पश्चिमी देशों का एकमात्र मकसद युद्ध को अंजाम देना है। रूस ने यूक्रेन की सरकार को 'कठपुतली सरकार' करार देते हुए यह आरोप भी लगाया है कि वह मिंस्क समझौते का पालन नहीं कर रही है। रूस ने इसके लिए पश्चिम को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता तो यूक्रेन की कठपुतली सरकार बहुत पहले मिंस्क समझौते का पालन करने के लिए बाध्य होती। चूंकि ऐसा नहीं हो रहा है, इसलिए हम कह सकते हैं कि पश्चिम रूस के साथ युद्ध चाहता है।'
Ukraine Crisis: अमेरिका का कूटनीतिक दांव, बोला-यूक्रेन पर हमला हुआ तो उम्मीद है भारत हमारा साथ देगा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस विशेष सत्र को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भी संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान यूक्रेन संकट से जुड़े सभी पक्षों से शांति की अपील करते हुए यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक रहते हैं। इनमें बहुत से लोग सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं। भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है। सभी पक्षों से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कूटनीतिक प्रयासों से इस संकट का समाधान तलाशा जाना चाहिए और तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचना चाहिए।